भले ही देश की अर्थव्यवस्था का बुरा हाल है लेकिन मोदी सरकार के तमाम मंत्री अपने बेशर्मी भरे बयानों से बाज नहीं आ रहे हैं। ये माननीय देश और विदेश जहां भी मुंह खोल रहे हैं, वहां पर ऐसे बयान दे रहे हैं कि इन जिम्मेदार पदों की गरिमा को शर्मसार ही कर रहे हैं।

अब ताजा बयान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से आया है । मंगलवार को उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी के ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स’ में अपना व्याख्यान देते हुए कहा- मनमोहन सिंह और रघुराम राजन का दौर बैंकों के लिए सबसे खराब रहा है।

वैसे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन की तमाम आलोचनाएं हो सकती हैं लेकिन खराब अर्थव्यवस्था के दौर में भी कई बार भारत की अर्थव्यवस्था को संभालने और संवारने की उनकी कोशिश किसी से छिपी हुई नहीं है।

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इसलिए भी उन पर उंगली उठाना, वो भी एक वित्त मंत्री द्वारा, जो वर्तमान में आर्थिक हालात की बदहाली के लिए जिम्मेदार है, हैरान करने वाला वाकया है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में तमाम सेक्टर से खबरें आने लगी कि वहां पर ताले लगने शुरू हो गए हैं और बेरोजगारी के सारे रिकॉर्ड पहले ही तोड़ चुकी मोदी सरकार ने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही अर्थव्यवस्था की बदहाली के तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए।

ऐसे हालात में बुरी परिस्थितियों से निपटने के लिए उपायों पर चर्चा करने के बजाय जब देश की वित्त मंत्री पुरानी सरकारों और पुराने आरबीआई गवर्नर पर ठीकरा फोड़कर बच रही हैं तो समझा जा सकता है कि देश की अर्थव्यवस्था का भविष्य कितने अंधकार में है।

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