
पिछले दिनों राज्यसभा में हुई अराजकता और हुड़दंग को लेकर भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्षी सांसदों से देश से माफी मांगने की बात कही.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि देश की आम जनता इस बात का इंतजार कर रही थी कि संसद में उनसे जुड़े हुए मुद्दे उठाए जाएंगे लेकिन संसद में लोगों ने अराजकता ही की.
विपक्ष पर प्रहार करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि विपक्ष को आम लोगों और देश के करदाताओं के पैसे की कोई चिंता नहीं.
राज्यसभा में जो कुछ भी हुआ, वह निंदाजनक है लेकिन विपक्ष को मगरमच्छ के आंसू बहाने की बजाय देश से माफी मांगनी चाहिए.
अनुराग ठाकुर के इस बयान पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने जमकर प्रहार किया और कहा कि ‘गोली मारो‘ का नारा देने वाले लोग हमें गरिमा सीखा रहे हैं.
किसानों को मवाली कहने वाले बयान पर पलटवार करते हुए संजय सिंह ने पूछा कि ‘जो लोग अन्नदाताओं का नमक खाकर उन्हें मवाली कहते हैं, वैसे लोगों को क्या कहते हैं!’
“गोली मारो” वाले हमें गरिमा सिखा रहे हैं।
अन्नदाताओं का नमक खाकर उनको मवाली कहने वालों को क्या कहते हैं? https://t.co/fgyWTp9Ckj— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) August 12, 2021
मालूम हो कि मंगलवार और बुधवार को राज्यसभा में जबर्दस्त हिंसा और झड़प हुई थी. सारी मर्यादा तार तार हो गई थी. इस मुद्दे को लेकर भी पक्ष और विपक्ष में लगातार आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है.
जहां विपक्ष का कहना है कि सरकार की ओर से जरुरी मुद्दों पर सांसदों को बोलने नहीं दिया जा रहा है तो सरकार इस उपद्रव के लिए विपक्ष को ही जिम्मेवार ठहरा रही है.
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि मॉनसून सत्र जिस दिन से शुरु हुआ, उस दिन से ही विपक्ष का रवैया सही नहीं था. वो संसद को नहीं चलने देना चाहते थें. कांग्रेस और टीएमसी के सांसदों ने इस बात का पूरा खुलासा भी कर दिया.
जोशी ने कहा कि इस तरह से उपद्रव मचाने के बाद विपक्ष इस प्रकार का व्यवहार कर रहा है, जैसे कि उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी जैसा काम कर दिया.
वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हंगामे का ठीकरा सरकार के माथे पर फोड़ते हुए कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि सांसदों को सदन के अंदर पीटा गया. सरकार ने विपक्ष को बोलने नहीं दिया. विपक्ष ने डिबेट की मांग की तो सरकार इसके लिए तैयार नहीं हुई.
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार आम लोगों की आवाज दबा रही है. देश की 60 प्रतिशत आबादी की आवाज को अनसुना किया जा रहा है.
पीएम मोदी देश और देश की आत्मा बेच रहे हैं. गरीबों, पिछड़ों, दलितों और मजदूरों की आवाज से उठा तूफान उन्हें सत्ता से बाहर उठाकर फेंक देगा.