भाजपा नेताओं और टीवी एंकर द्वारा फैलाई गई नफरत की आग सड़कों पर देखी जा सकती है। सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को गद्दार बता कर गोली मारने वाले अब सड़कों पर उतर आए हैं। आज 30 जनवरी के दिन ही महात्मा गांधी की हत्या नाथूराम गोडसे नाम के एक सिरफिरे ने की थी।
इसी शर्मनाक घटना को याद करते हुए गांधी स्मृति राजघाट के लिए जामिया के सैकड़ों छात्र निकले हुए थे। जामिया के ठीक आगे ही एक व्यक्ति हाथों में पिस्टल लहराता हुआ छात्रों के सामने आ गया और युवक ना सिर्फ पिस्टल लहरा रहा था बल्कि दिल्ली पुलिस जिंदाबाद के नारे भी लगा रहा था।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि दिल्ली पुलिस मूकदर्शक बनकर खड़ी थी और ये उन्मादी युवक वहां पर मौजूद लोगों को भयभीत कर रहा था। जब इस युवक ने जमकर आतंक मचा लिया तो महज दिखावे के लिए उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
सवाल उठता है कि जब छात्रों की रैली द्वारा आयोजित शांति मार्च उधर से गुजर रहा था तो कोई युवक वहां पर पिस्टल लेकर कैसे आ गया ? जो दिल्ली पुलिस छात्र-छात्राओं पर लगातार निगरानी रखी हुई है वो बाहरी लोगों खतरों से सुरक्षा में इतनी भारी चूक कैसे कर सकती है ?
जब ये युवक सबके सामने पिस्टल लहराने लगा तब भी पुलिस ने तत्परता क्यों नहीं दिखाई और उसे क्यों नहीं दबोचा? वीडियो में बिल्कुल साफ देखा जा सकता है कैसे ये युवक पिस्टल लहरा रहा है, दिल्ली पुलिस जिंदाबाद के नारे लगा रहा है और छात्र-छात्राओं पर फायरिंग कर रहा है।
अभी हाल ही में बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने गोली मारने के लिए भड़काने वाला नारा लगाया था और उसके बाद ज़ी न्यूज के एंकर सुधीर चौधरी शाहीन बाग जाकर प्रदर्शनकारियों को सबक सिखाने की बात कह रहे थे।
इसलिए सवाल सिर्फ पुलिस से नहीं बीजेपी नेताओं और टीवी एंकरों से भी होने चाहिए कि उन्होंने लोगों को इस कदर क्यों भड़काया है कि अब वो दंगाई होने पर उतारू हैं, इस तरह के नौजवान गोडसे बनने पर उतारू हैं।