JNU को देशभर से मिल रहे समर्थन में बड़े-बड़े फ़िल्मी सितारों ने अपनी आवाज़ मुखर की है। इनकी लिस्ट लंबी है और इसमें दीपिका पादुकोण जैसे बड़े सितारें भी शामिल हैं। लेकिन दीपिका को इसका नुकसान केवल ट्रोल्स की नफरत से ही नहीं, बल्कि सरकार के सख्त रवैये के कारण भी हुआ है।
‘द प्रिंट’ के मुताबिक सरकार के कौशल विकास मंत्रालय ने उनके साथ शूट किए गए प्रमोशनल वीडियो को ‘ड्राप’ कर दिया है। मंत्रालय के इस फैसले का कनेक्शन उनकी जेएनयू विजिट से जोड़कर देखा जा रहा है। दीपिका का वीडियो बुधवार को रिलीज़ होना था, लेकिन मंगलवार को हुई “घटना” के बाद ये वीडियो डिलीट कर दिया गया है।
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ख़ास बात तो ये है कि दीपिका इस वीडियो में एसिड अटैक सरवाइवर और स्किल इंडिया के बारे में बात कर रही थीं। हाल ही में उनकी फिल्म ‘छपाक’ भी रिलीज़ होने वाली है। इससे पहले दीपिका द्वारा JNU हिंसा के पीड़ित छात्र-छात्रों को समर्थन दिखने पर उन्हें सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया गया था।
उनका और उनकी फिल्म का बहिष्कार करने का ट्रेंड भी चलवाया गया था। मतलब एक तरफ एसिड अटैक सरवाइवर पर बनी फिल्म को भाजपा समर्थक बहिष्कार कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ सरकार उन सरवाइवर पर बने प्रमोशनल वीडियो का।
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सवाल उठता है कि क्या छात्र-छात्रों के साथ हुई हिंसा पर उनसे सहानुभूति जताना कोई जुर्म है? क्या एसिड अटैक सरवाइवर पर एक फिल्म बनाना कोई जुर्म है? JNU हिंसा के जुर्म के असली गुनहगारों को सज़ा कब होगी?