सुप्रीम कोर्ट में बहस का स्तर जॉली एलएलबी फिल्म की तरह होता जा रहा है। जहां पर वकील एक-दूसरे पर ना सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं बल्कि बहस ‘सड़क छाप’ बोलने तक आ जा रही है।

आज सुप्रीम कोर्ट में हुई इसी तरह की बहस में जज को दखल देकर मामले को शांत कराना पड़ा।

जानें-क्या है मामला

फर्जीवाड़े के एक मामले में बहस करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सीनियर काउंसिल दुष्यंत दवे आपस में भिड़ गए। उनके बीच जुबानी बहस होने लगी।

तुषार मेहता ने कहा-“मिस्टर दवे की दलीलें सड़कछाप होती हैं। लोग ये बात बाहर जाकर करते हैं मैं मुंह पर बोल दे रहा हूं।”

इसपर नाराज़ होते हुए दुष्यंत दवे ने कहा-“मुझे घोर आपत्ति है। मिस्टर मेहता, आप सॉलिसिटर जनरल के ऑफिस पर कलंक हो। आपकी नियुक्ति राजनीतिक है और काम भी बिल्कुल वैसा ही कर रहे हो।”

दोनों वरिष्ठ वकीलों के बीच बहस का स्तर गिरता देख जस्टिस मेंहंत गुप्ता को दखल देना पड़ा और उन्होंने फटकार लगाते हुए कहा- इस तरह बहस करके यहां कोर्ट रूम का पारा मत बढ़ाइए। तब जाकर मामला थोड़ा शांत हुआ और दोनों अपनी-अपनी दलीलें कायदे से देने लगे।

धोखाधड़ी के एक मामले में जस्टिस मेंहंत गुप्ता के साथ साथ जस्टिस सुधांशु धूलिया भी सुनवाई करने बैठे थे। इन्हीं दोनों की बेंच के सामने हो रही सुनवाई में इस तरह की अप्रिय वार्ता हुई।

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