देश की अग्रणी और केंद्रीय विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया को बदनाम करने के लिए भाजपा नेताओं ने क्या कुछ नहीं कहा। अपने को राष्ट्रवादी पत्रकार कहने वाले कथित पत्रकार सुरेश चव्हाणके ने बाकायदा जामिया यूनिवर्सिटी को ‘जिहाद’ से जोड़कर प्रस्तुत किया।
सुरेश चव्हाणके की इस मुहिम को भाजपा आईटी सेल से जबरदस्त समर्थन हासिल हुआ।
लेकिन जामिया विश्वविद्यालय और उसके छात्रों ने अपने विरोधियों को पढ़ाई से जवाब दिया है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया की आवासीय कोचिंग में पढ़ने वाले 12 छात्रों का यूपी पीसीएस 2018 के आये नतीजों में चयन हुआ है।
आरसीए के कुल 24 छात्र जुलाई-अगस्त 2020 में आयोजित इस परीक्षा के अंतिम इंटरव्यू में शामिल हुए थे। ये छात्र पिछले एल साल से या उससे अधिक समय से कोचिंग में प्रशिक्षण ले रहे थे।
बता दें कि इससे पहले जामिया के इसी कोचिंग में पढ़ने वाले 30 छात्रों का चयन सिविल सेवा में हुआ था। ये नतीजे 2019 के थे। इन परिणाम के बाद जामिया पूरे देश में अपनी पढ़ाई के लिए चर्चा का विषय बन गया था।
इसके साथ ही जामिया विश्वविद्यालय और यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं लगातार अपनी मेहनत से बुलंदियों को छू रहे हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग ने शुक्रवार को पीसीएस-2018 का परिणाम जारी किया।
चयनित 12 उम्मीदवारों की सूची में से चार का डिप्टी कलेक्टर, तीन का पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी), दो का कॉमर्शियल टैक्स ऑफिसर (सीटीओ), एक का खंड विकास अधिकारी (बीडीओ), एक का अकाउंट ऑफिसर और एक का डिप्टी कमांडेंट होमगार्ड के पद पर चयन हुआ है।