कल शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विधानसभा में भाजपा और आरएसएस को हिंदुत्व, फर्जी राष्ट्रवाद और किसान आंदोलन के मुद्दे पर जमकर घेरा था।

आज शिवसेना ने भाजपा की मुसीबत बढ़ाने वाला एक बड़ा ऐलान कर दिया है।

दरअसल इस महीने से देश के 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने वाला है। जिसके लिए सभी राजनीतिक दलों ने सियासी रणनीतियों पर काम करना शुरू कर दिया है।

माना जा रहा है कि इन 5 राज्यों में से भाजपा का सबसे बड़ा मुकाबला पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ होने वाला है।

गौरतलब है कि राज्य में विधानसभा की सीटें 294 हैं। जहां भाजपा के लिए यह चुनाव बंगाल की सत्ता में एंट्री लेने वाला है। वही टीएमसी के लिए ये साख का सवाल बन चुका है।

इसी बीच शिवसेना ने ऐलान किया है कि वह पश्चिम बंगाल में चुनाव नहीं लड़ेंगे। बल्कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को समर्थन देंगे।

इस कड़ी में शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्विटर पर ट्वीट कर लिखा है कि पश्चिम बंगाल में शिवसेना चुनाव लड़ेगी या नहीं। यह बहुत से लोग जानने के इच्छुक हैं।

पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से चर्चा करने के बाद मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि पश्चिम बंगाल में जिस तरह के मौजूदा हालात है। ऐसा लगता है कि यह ‘दीदी vs ऑल’ की लड़ाई बन चुकी है।

ऑल M’s का मतलब-मनी, मसल और मीडिया का इस्तेमाल ममता दीदी के खिलाफ किया जा रहा है। ऐसे में शिवसेना ने पश्चिम बंगाल में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है।

हम ममता बनर्जी के साथ खड़े हैं। क्योंकि हम ममता दीदी की सफलता चाहते हैं। हमारा मानना है कि वह असल बंगाल की शेरनी हैं।

आपको बता दें कि इससे पहले राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात कर उन्हें समर्थन देने की बात कही है।

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