केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार के कार्यकाल में जहां एक तरफ देश की अर्थव्यवस्था और जीडीपी पर गिरती जा रही है। वहीँ बीते साल से महंगाई और बेरोज़गारी बढ़ती जा रही है।

इस मामले में सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर बनी हुई है। विपक्षी दलों द्वारा लगातार ये आरोप लगाए जा रहे हैं कि भाजपा देश को गरीबी और भुखमरी के कगार पर पहुंचाने का काम कर रही है।

आज कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक आर्टिकल लिखकर मोदी सरकार को इन मामलों पर चेताने का काम किया है।

इस आर्टिकल में सोनिया गांधी ने कहा है कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश में नोटबंदी और जीएसटी को लाने का काम किया गया था।

उसी तरह से अब देश की सरकारी संपत्तियों को बेचने के कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे फैसले सरकार जल्दबाजी में ले रही है। जिससे देश को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

सोनिया गांधी ने लिखा है कि आर्थिक संकट की शुरुआत साल 2016 में उस वक्त शुरू हो गई थी जब पीएम मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था।

देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस मुद्दे पर जीडीपी में गिरावट आने को लेकर आगाह भी किया था। लेकिन पीएम मोदी ने उनकी सलाह को नकार दिया। जिसका नतीजा आज पूरा देश झेल रहा है। नोटबंदी और जीएसटी के कारण देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है।

इसके अलावा सोनिया गांधी ने देश में बढ़ रही पेट्रोल डीजल की कीमतों का मुद्दा भी उठाया है। उन्होंने कहा है कि जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है।

तो इसके बावजूद भारत की सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर लोगों से भारी टैक्स वसूला जा रहा है। जिससे आम जनता का जीना मुहाल हो रहा है।

मोदी सरकार सरकारी और जनता की संपत्ति को बेच कर अपना खजाना भरना चाहती है। जिससे समाज के हाशिए पर खड़े समुदायों के लिए मुश्किलें खड़ी होंगी।

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