दिल्ली की सड़कों पर दिनदहाड़े संविधान को जलाया गया और आंबेडकर मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। चुनाव आयोग ने अपना कार्यक्रम मोदी जी की रैली के लिए टाल दिया और चुनाव की तारिखों का ऐलान चुनाव आयोग के बजाय बीजेपी के सोशल मीडिया अकाउंट ने पहले कर दिया। और अगर आपको लगता है कि अभी संविधान सुरक्षित है तो आप राम भरोसे है।

मुंबई में बीते रविवार को ‘संविधान बचाओ रैली’ को संबोधित करते हुए जेएनयू के पूर्व छात्र अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने मोदी सरकार पर जमकर हमला किया।

अपने 10 मिनट के भाषण के दौरान कन्हैया कुमार ने मोदी सरकार द्वारा हर उस फैसले की जमकर आलोचना की जिस पर अब भारतीय जनता पार्टी जवाब देने से कतराती रही है।

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प्रधानमंत्री द्वारा एक रैली के दौरान उनकी मां का जिक्र करने को लेकर भी कन्हैया कुमार प्रधानमंत्री मोदी पर हमलावर दिखे और मोदी को नौटंकीबाज बताते हुए उनके लिए ऑस्कर से बेस्ट एक्टर अवार्ड की मांग करते हुए कहा कि यदि मोदी जी को अपनी मां की इतनी चिंता होती वह 90 वर्ष की आयु में नौटबंदी के दौरान उन्हें बैंक की लाइन में खड़ा नहीं करते।

उन्होंने अपनी मां को 90 वर्ष की आयु में बैंक की लाइन में लगा कर राजनीतिक लाभ उठाया है। इसलिए ऐसी बाते उन्हे शोभा नहीं देती।

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कन्हैया ने आगे कहा, हम मंदिरों का निर्माण करने के लिए सरकारों का चुनाव नहीं करते हैं, स्कूलों-अस्पतालों का निर्माण और नौकरियां देने के लिए करते हैं।

साथ ही इस रैली में कन्हैया कुमार के अलावा हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवानी के साथ-साथ करीब 150 से अधिक दलित संगठनों ने और विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया।

इस रैली के दौरान सभी दलों को हिंदुत्व की राजनीति के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ने की अपील भी की गई।

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