भाजपा द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों पर किसान संगठनों का गतिरोध जारी है। कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए तौर-तरीकों सहित एजेंडे पर बातचीत करने के लिए 30 दिसंबर को किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत हुई है। लेकिन अभी पूरी तरह से इसका कोई नतीजा निकल नहीं पाया है।

एक तरफ जहां देश के प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि सरकार पूरी तरह से किसानों और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए समर्पित है। वहीं भाजपा के ही नेता किसान संगठनों को धमकाने पर उतर आए हैं।

सोशल मीडिया पर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल और किसान नेताओं की एक वीडियो सामने आई है।

जिसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि मोदी सरकार के दावे कितने सच्चे हैं। ट्विटर पर इस वीडियो को पत्रकार विनोद कापड़ी द्वारा शेयर किया गया है।

इसे शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है कि “30 Dec की बातचीत के बाद किसान नेताओं को सरेआम धमकाते केंद्रीय मंत्री #PiyushGoyal : “ आप लोगों के 40 संगठन की LIST है हमारे पास। ज़्यादा मुँह मत खुलवाओ।”

कहने का तरीक़ा और अंदाज़ देखिए। इस अहंकार को देखते हुए कौन कहेगा कि ये सरकार किसानों के आंदोलन को लेकर गंभीर है।”

वीडियो में देखा जा सकता है कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल किसान नेताओं के साथ किस लहजे में बात कर रहे हैं। क्या इसे देखकर कोई कह सकता है कि भाजपा किसान हितेषी सरकार है।

आपको बता दें कि किसान संगठनों और सरकार के बीच सातवें दौर की हुई बातचीत में कुछ पहलुओं पर सहमति बनने की बात कही जा रही है। लेकिन अभी तक किसानों को एमएसपी की गारंटी नहीं दी जा रही है।

सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ देश के 40 किसान संगठन एकजुट होकर दिल्ली में मोर्चा खोले हुए हैं। किसानों का कहना है कि यह नए कानून एमएसपी प्रणाली और मंडी की व्यवस्था को कमजोर करेंगे यह सिर्फ पड़े कॉरपोरेट्स को ही फायदा पहुंचाने वाले हैं।

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