हरियाणा में हुए निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को बड़ी शिकस्त मिली है। इस निकाय चुनाव में भाजपा के मुकाबले कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है।

हरियाणा में मेयर के तीन चुनावों में से दोबारा भाजपा-जजपा गठबंधन को हार मिली है, यह दोनों सीटें ही जननायक जनता पार्टी का गढ़ मानी जाती है।

बता दें, 27 दिसंबर को निकाय चुनाव में सोनीपत, पंचकूला और अंबाला नगर निगम में मेयर पद के लिए वोटिंग हुई थी।

माना जा रहा है कि हरियाणा में 7 निकाय चुनाव के नतीजे भाजपा-जजपा गठबंधन के लिए किसान आंदोलन के चलते निराशाजनक रहे है। हरियाणा में हुए सात निकाय चुनावों में से भाजपा सिर्फ दो पर ही जीत हासिल करने में सफल हो पाई है।

भाजपा नेता का कहना है कि 25, 26, 27 तीन दिन की छुट्टियां थी और आपको पता है कि दिसंबर का अंतिम सप्ताह होता है। तो हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि हम छुट्टियां लेकर कहीं घूम कर आए।

25, 26, 27 की छुट्टी होना और दिसंबर का अंतिम सप्ताह होना यह वोट परसेंटेज में कमी लाया। छुट्टी पर जाने वाले ज्यादातर लोग भाजपा का वोट बैंक थे। जिनके यहां पर ना होने के कारण भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है।

गौरतलब है कि किसान आंदोलन के चलते भाजपा-जजपा की सरकार को राज्य में भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल बीते साल नवंबर के महीने में पंजाब के किसानों ने हरियाणा के बॉर्डर पर किसान आंदोलन शुरू किया था।

हरियाणा पुलिस ने किसानों पर वाटर कैनन चलाए और लाठीचार्ज के ऑर्डर दिए थे। जिसके चलते खट्टर सरकार की काफी आलोचना हुई थी। इसका हरियाणा की खाप पंचायतों ने काफी विरोध किया था।

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