अगले साल उत्तर प्रदेश और पंजाब में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसके लिए सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि पंजाब में भारतीय जनता पार्टी को चुनाव में मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।

दरअसल मोदी सरकार द्वारा बीते साल लाए के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के लोगों में काफी गुस्सा है।

जिसके चलते यह तय है कि पंजाब विधानसभा चुनाव में तो भारतीय जनता पार्टी को भारी मशक्कत करनी पड़ सकती है। इसके साथ-साथ अब उत्तर प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए मुसीबत बन सकते हैं।

दरअसल पंजाब ऐसा राज्य है। जहां बड़ी तादाद में उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासी मजदूर रोजगार की तलाश में आते हैं।

इस वक्त पंजाब में फसल बोने का सीजन चल रहा है। किसानों के खेतों में उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूर काम कर रहे हैं।

‘इंडियन एक्सप्रेस’ के साथ बातचीत करते हुए पंजाब के संगरूर के रहने वाले किसान ने बताया है कि हम उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूरों को समझा रहे हैं।

हमने उन्हें कहा है कि आप लोग आने वाले उत्तर प्रदेश चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल को वोट दे देना। लेकिन भारतीय जनता पार्टी को बिल्कुल भी नहीं।

हम इन मजदूरों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी। तो किस तरह से देश के पूंजीपति खेतों में भारी भरकम मशीनरी लगा कर उनका काम खत्म कर देंगे।

किसानों का कहना है कि उत्तर प्रदेश और बिहार से आने वाले प्रवासी मजदूर उनके रोजगार को लेकर काफी चिंतित है।

इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा के नेता भी कह चुके हैं कि किसान राज्य के मजदूरों से बातचीत कर रहे हैं और उन्हें कृषि कानूनों के बारे में जानकारी देकर भाजपा के किसान विरोधी रवैये के लिए जागरूक कर रहे हैं।

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