एक तरफ देश में चुनावी माहौल बना हुआ है। दूसरी तरफ देश में बीते कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

एक तरफ जहां कई राज्यों की सरकारों ने लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू लगाया हुआ है। दूसरी तरफ जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। वहां पर धड़ल्ले से राजनीतिक दलों की चुनावी सभाएं हो रही है।

जिसमें हजारों लोगों की भीड़ जुट रही है। इस चुनावी माहौल में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा और भी ज्यादा है।

इसी बीच खबर सामने आई है कि अगर कोरोना संक्रमण के मामले इसी तरह से बढ़ते गए तो सरकार द्वारा लॉकडाउन दोबारा लगाने पर विचार किया जा सकता है।

इस मामले में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मोदी सरकार पर हमला बोला है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि “सरकार किसान आंदोलन को शाहीनबाग समझने की भूल न करें। कोरोना के कारण यदि पूरे देश में भी कर्फ्यू लग जाएगा तो भी देश का किसान आंदोलन से पीछे नहीं हटेगा। #लड़ेंगे_जीतेंगे।”

दरअसल अगर मोदी सरकार द्वारा लॉकडाउन लगाया जाता है। तो इसका सबसे ज्यादा असर बीते साल से चल रहे किसान आंदोलन पर पड़ सकता है।

क्योंकि जब साल 2020 में भी कोरोना संक्रमण की शुरुआत हुई थी। तो भारत सरकार ने दिल्ली में चल रहे शाहीन बाग प्रदर्शन को हटा दिया था।

किसान नेता राकेश टिकैत ने मोदी सरकार को उद्योगपतियों की सरकार करार देते हुए कहा है कि जब तक किसानों की मांगे पूरी नहीं की जाती। तब तक यह आंदोलन चलता रहेगा।

आपको बता दें कि गुजरात स्टेडियम में मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि अगर आपको आतंक और भय देखना है।

तो गुजरात जा कर देखिए गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल स्टेडियम का नाम बदलकर अब मोदी स्टेडियम रख दिया गया है। इस सरकार के मंसूबे बिल्कुल भी ठीक नहीं है।

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