मोदी मीडिया के मुंह में लहसुन होने के बावजूद ‘आतंकी’ डीएसपी देविंदर सिंह को पर्याप्त कवरेज मिल गई है!
अगर देविंदर सिंह का नाम देवेंद्र सिंह या देवेंद्र मिश्रा होता तो यह देश पाकिस्तान-मुसलमान या राष्ट्रवाद या देशद्रोह या देशभक्ति के दूसरे बेमानी मुद्दों में उलझा होता, देवेंद्र सिंह या देवेंद्र मिश्रा का नाम अभी के मुकाबले चौथाई लोगों के पास भी नहीं पहुंचा होता..!
क्यों?
क्योंकि देविंदर सिंह सिक्ख है! जैसे पाकिस्तान के आईएसआई के लिए जासूसी करने के लिए गिरफ्तार होने के बावजूद ध्रुव सक्सेना का नाम सिर्फ अपने प्रतिपक्षी चंद बुद्धिजीवियों तक पहुंच सका.. ठीक वैसे ही देवेंद्र सिंह या देवेंद्र मिश्रा जैसे नाम का होता..!
देविंदर सिंह आतंकवादियों के साथ जो खेल, खेल रहे थे, उस खेल का ‘असली खिलाड़ी’ कौन है? जांच हो
और… अगर मान लीजिए कि देविंदर सिंह का नाम दानिश अंसारी होता तो…? वैसे दानिश अंसारी के अलावा यह नाम अगर देवेंद्र यादव होता या देवेंद्र जाटव होता, तब भी समूची दुनिया में भारतीय लाउडस्पीकर टीवी चैनलों पर यह घोषणा होती कि दस सेकेंड में दुनिया को हिला देने वाले भयावह आतंकवादी गिरफ्तार..!
( ये लेख अरविंद शेष के फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है )