आज हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान मोदी सरकार के साथ बैठक करने के लिए विज्ञान भवन के लिए रवाना हो चुके हैं। नए कृषि कानूनों को लेकर चल रहा गतिरोध अभी भी बरकरार है।

पंजाब और हरियाणा के किसानों को अब देश के कई राज्यों के किसानों का समर्थन मिल चुका है। वहीँ दुनियाभर के सिख और पंजाबी लोग एकजुट हो गए हैं। इसके साथ ही कई विपक्षी दल भी किसानों के पक्ष में मोदी सरकार पर हमलावर हो रहे हैं।

इसी बीच खबर सामने आ रही है कि अब किसान आंदोलन के खिलाफ ब्रिटेन के 36 सांसदों ने देश के विदेश सचिव को पत्र लिखा है।

जिसमें उन्होंने मांग की है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कृषि बिल को लेकर चर्चा की जाए। इन सांसदों ने कृषि कानूनों को किसानों के लिए डेथ वारंट करार दिया है।

ब्रिटेन की लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी के नेतृत्व में 36 ब्रिटिश सांसदों ने विदेश सचिव को पत्र लिख कर मोदी सरकार पर दबाब बनाने की मांग उठाई है।

लेबर पार्टी के साथ ही इसमें कंजरवेटिव सांसद और स्कॉटिश नेशनल पार्टी के नेताओं ने भी पत्र पर हस्तक्षर किए हैं।

बताया जा रहा है कि ब्रिटेन में रहने वाले पंजाब के लोगों ने अपने सांसदों के साथ मिलकर इस मुद्दे में बातचीत की है।

उनका कहना है कि मूल रूप से पंजाब की धरती से जुड़े होने के चलते वे किसानों के साथ हो रहे अन्याय को देख नहीं पा रहे हैं।

आपको बता दें कि इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाई थी क्योंकि कनाडा एक ऐसा देश है। जहां पर भारी मात्रा में पंजाब के लोग बसे हुए हैं।

भाजपा सरकार द्वारा किसानों पर किए गए अत्याचार की कनाडाई पीएम ने निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि वह शांतिपूर्वक तरीके से किसानों के किए जा रहे प्रदर्शन का समर्थन करते हैं।

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