हरियाणा में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे किसानों को देश भर के लोगों का समर्थन मिल रहा है। हालांकि भाजपा के कई नेता और समर्थक आंदोलन कर रहे किसानों की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।

बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए कृषि कानूनों को किसानों के लिए हितकारी बताया था।

पीएम मोदी ने हाल ही ‘मन की बात’ में महाराष्ट्र के एक किसान जितेंद्र भोइजी का उदाहरण देते दावा किया था कि उन्हें नए कृषि कानून का काफी फायदा हुआ है। उन्हें नए कृषि कानून के कारण किसी व्यापारी के पास फंसे हुए पैसे वापिस मिल गए हैं।

पीएम मोदी द्वारा किए गए इस दावे पर अब जितेंद्र भोइजी का बयान सामने आया है। पीएम मोदी के दावे को नकारते हुए जितेंद्र भोइजी ने कहा है कि नए कृषि कानून के तहत भले ही एसडीएम के जरिए से व्यापारी के पास बसे उनके पैसे उन्हें वापस दिलवा दिए गए।

लेकिन एमएसपी ना मिलने की वजह से उन्हें 2 लाख रूपये का घाटा हुआ है। इसलिए वह किसान आंदोलन का समर्थन करते हैं। जितेंद्र भोइजी का कहना है कि वह बीते 10 साल से खेती कर रहे हैं।

अगस्त में उनके खेत से 340 क्विंटल फसल निकली थी। तब वह 1800 रूपये एमएसपी पर उपज बेचने के लिए फेडरेशन के सेंटर पर चक्कर काटते रहे। लेकिन कोटा खत्म होने की बात कहकर किसी ने उनकी फसल नहीं खरीदी।

इसके चलते मजबूरी में उन्हें एक व्यापारी को 1200 रूपये क्विंटल की दर से अपनी फसल बेचने पड़ी। जिसके चलते उन्हें 2 लाख रूपये का नुक्सान झेलना पड़ा है।

आपको बता दें कि हरियाणा में चल रही किसान आंदोलन को अब महाराष्ट्र के किसानों का भी समर्थन मिल रहा है। किसानों का कहना है कि ये लड़ाई गरीबो और मजदूरों के अधिकारों की लड़ाई है।

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