पूरे देश के साथ साथ अब देवभूमि उत्तराखंड में भी कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। रामदेव की पतंजलि योगपीठ में भी कोरोना प्रवेश कर गया है।

उत्तराखण्ड के हरिद्वार शहर स्थिति पतंजलि योगपीठ में 83 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें बड़ी संख्या में रामदेव के कर्मचारी भी शामिल है।

एक साथ 83 लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पतंजलि योगपीठ में हड़कंप मच गया। सूचना मिलने के बाद ही सभी 83 लोगों को आइसोलेट कर दिया गया है।

अब सूचना मिल रही है कि रामदेव के साथ पतंजलि योगपीठ के सभी लोगों का कोरोना परीक्षण करवाया जाएगा। बताया जा रहा है कि ऐसा कोई दिन बाकी नहीं हो रहा है जब पतंजलि योगपीठ में कोरोना के मरीज नहीं मिल रहे हो।

हरिद्वार के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 10 अप्रैल से लेकर अब तक पतंजलि योगपीठ आचार्यकुलम और योग ग्राम में 83 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। सूचना है कि इन सभी कोरोना संक्रमितों को पतंजलि योगपीठ में ही आइसोलेट किया जा चुका है।

मालूम हो कि उत्तराखंड में भाजपा की सरकार है और इसी सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और हरिद्वार के सीएमओ डॉ एसके झा ने पतंजलि योगपीठ में 83 लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने की आधिकारिक जानकारी दी है लेकिन रामदेव के प्रवक्ता ने सरकार की सूचना को अफवाह करार देे हुए इसका खंडन किया है।

रामदेव के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने ट्वीट कर साफ तौर इस बात से इंकार किया है कि पतंजलि योगपीठ में कोई भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।

रामदेव के प्रवक्ता ने कहा है कि पतंजलि योगपीठ को लेकर मीडिया में भ्रामक और निराधार अफवाह फैलाया जा रहा है।हम सभी को आगाह करना चाहते हैं कि कोई भी ऐसी झूठी खबर ना चलाए।

हमारे यहां कोरोना जांच के उपरांत ही किसी को प्रवेश दिया जाता है। कोई भी व्यक्ति अगर कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उन्हें पतंजलि के किसी संस्थान में प्रवेश नहीं दिया जाता है।

दिलचस्प बात है कि उत्तराखंड सरकार आधिकारिक तौर पर दावा कर रही है कि रामदेव की पतंजलि योगपीठ में 83 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं तो वहीं दूसरी ओर रामदेव इसका खंडन कर रहे हैं। आखिर कौन सच बोल रहा है !

इनमें से कोई एक तो झूठ बोल रहा है। या तो रामदेव झूठ बोल रहे हैं या फिर उत्तराखंड की भाजपा सरकार झूठ बोल रही है। किसका दावा सत्य है?

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