देश में कोरोना के कारण तो लोग मर ही रहे हैं, लेकिन खराब स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण भी मासूमों की जान जा रही है। वो लोग भी दम तोड़ दे रहे हैं जिन्हें ऑक्सीजन और दवाइयों के ज़रिए बचाया जा सकता था।

दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में 24 घंटों के भीतर ऑक्सीजन के कम प्रेशर के कारण 25 बेहद गंभीर मरीज़ों की मौत हो गई है।

NDTV की खबर के अनुसार, अस्पताल ने शुक्रवार को अपना बयान जारी कर बताया, “सबसे ज़्यादा बीमार 25 मरीज़ों की पिछले 24 घंटों में मौत हो गई है। 2 घंटों के लिए ही ऑक्सीजन बचा है।

वेंटिलेटर्स और BiPAP ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। आईसीयू और इमरजेंसी में मैनुअल वेंटिलेशन का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक बड़े संकट की संभावना है। और 60 बीमार मरीज़ों की जान खतरे में है, अर्जेंट मदद चाहिए।”

इस बड़े हादसे के लगभग दो घंटे बाद अस्पताल को ऑक्सीजन टैंकर मुहैया करवाए गए।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल के डायरेक्टर का कहना है कि मरीज़ों की मौत कम ऑक्सीजन प्रेशर से हुई, जबकि चैयरमेन इस दावे से इंकार कर रहे हैं।

गंगा राम अस्पताल जैसे हालात देशभर में बने हुए हैं। कहीं असपताल की लापरवाही के कारण लोगों की जान जा रही है तो कहीं सरकार द्वारा समय रहते मदद न पहुंचा पाने के कारण ऐसा हो रहा है।

इससे पहले दिल्ली सरकार ने राज्य में ऑक्सीजन की कमी के चलते केंद्र सरकार से मदद भी मांगी थी।

इसके अलावा राजधानी दिल्ली में स्थित मैक्स अस्पताल को तो ऑक्सीजन सप्लाई की कमी पूरी करने के लिए 21 अप्रैल को देर रात दिल्ली हाई कोर्ट का रुख करना पड़ा था।

दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार को फटकार लगते हुए कहा था, “भीख मांगिए, उधार मांगिए लेकिन अस्पतालों तक ऑक्सीजन पहुंचिए। हम ऑक्सीजन की कमी के चलते लोगों को मरता हुआ नहीं देख सकते।”

गुरुवार शाम को स्वास्थ्य बुलेटिन अपडेट के अनुसार पिछले 24 घंटों के भीतर दिल्ली में 26,169 नए COVID​​-19 मामले और 306 मौतें दर्ज हुई हैं।

दिल्ली में बने इस तरह के हालात और सर गंगा राम हॉस्पिटल में हुई इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व लोकसभा सांसद पप्पू यादव ने कहा- “सर गंगाराम हॉस्पिटल दिल्ली में 25 मरीज ऑक्सीजन के बिना मर गए। 60 और मरीज की जान दांव पर लगी है।

जो ऑक्सीजन न दे सके, उसे एक सेकंड PM रहने का क्या हक है? बेशर्म विश्वगुरु बनाने चले थे, देश को लाशों की ढ़ेर में बदल दिया। क्या मैं उन सबका जीवन बचा पाता!”

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