कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान आयोजित किए गए हरिद्वार महाकुंभ में लाखों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचे थे। जिसके बाद महाकुंभ में लाखों की तादाद में लोग कोरोना संक्रमित पाए गए थे।

अब खबर सामने आ रही है कि हरिद्वार में हुए महाकुंभ में लाखों लोगों के कोरोना टेस्ट फर्जी थे।

एक निजी एजेंसी के हवाले से सामने आई रिपोर्ट में पता लगा है कि महाकुंभ के दौरान कोरोना संक्रमण को लेकर की गई टेस्टिंग में एक लाख से ज्यादा सैंपल फर्जी थे।

बताया जा रहा है कि एक ही फोन नंबर पर कई लोगों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट जारी की गई है। जिसमें सैकड़ों लोगों के एड्रेस भी एक ही हैं।

50 से ज्यादा लोगों कोरोना टेस्ट के लिए की गई रजिस्ट्रेशन में एक ही फोन नंबर का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा एक ही एंटीजन टेस्ट किट से 700 लोगों के सैंपल कलेक्ट किए गए।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों द्वारा कोरोना टेस्टिंग के दौरान दिए गए एड्रेस और नाम भी काल्पनिक थे।

हैरानीजनक बात ये है कि उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र अहमदाबाद और अन्य 18 जगहों के लोगों ने एक ही फोन नंबर की डिटेल दी है।

राज्य के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने कोरोना टेस्ट के दौरान हुई इस फर्जीवाड़े का संज्ञान लेते हुए हरिद्वार के जिलाधिकारी को जांच रिपोर्ट भेज दी है। इसके साथ ही राज्य के स्वास्थ्य सचिव ने जल्द ही इसपर कार्रवाई करने की बात कही है।

आपको बता दें कि हरिद्वार महाकुंभ के दौरान कोरोना टेस्टिंग में हुए इस फर्जीवाड़े से पहले भाजपा शासित मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही मामला देखने को मिल चुका है।

जिसमें एक ही मोबाइल नंबर पर कई लोगों की कोरोना रिपोर्ट तैयार की गई थी। चौकानें वाली बात ये है कि इन सभी लोगों की कोरोना रिपोर्ट भी नेगेटिव निकाली गई थी।

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