सरकार के गलत फैसले समर्थन करने का चलन देश में पागलपन की तरह बढ़ने लगा है। कोरोना महामारी में 4 मई को मोदी सरकार ने देशभर में शराब के ठेके खोल दिए। ठेके खोलने को बीजेपी-मोदी सरकार के समर्थक मास्टरस्ट्रोक मान रहे हैं। उनका मानना है कि शराब के ठेके खुलने से अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी।
ऐसा ही कुछ नजारा दिल्ली के एक शराब ठेके के बाहर देखने को मिला। चंदर नगर के ठेके के बाहर एक शख्स ने लाइन में लगे शराबियों पर फूल बरसाए। फूल बरसते हुए शख्श ने कहा, “आप लोग हमारे देश की इकोनॉमी हो, हम भी बीजेपी के कट्टर समर्थक हैं।”
#WATCH Delhi: A man showers flower petals on people standing in queue outside liquor shops in Chander Nagar area of Delhi. The man says, "You are the economy of our country, government does not have any money". #CoronaLockdown pic.twitter.com/CISdu2V86V
— ANI (@ANI) May 5, 2020
इस बीच सोशल डिस्टनसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं। जबकि मंगलवार को पिछले 24 घंटे में अबतक सबसे ज्यादा 3900 कोरोना पॉजिटिव और 194 मौतों के मामले आ चुके हैं। ऐसे में सरकार ने खुद ही किसी अनहोनी को दावत दे दी है। मोदी सरकार मानो नशे में चूर हो गई है। क्योंकि सरकार के एक गलत फैसले के कारण देश को भयानक नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं।
सरकार ने देशभर में शराब की दुकानें खोल दीं। शराब की दुकानें खोलने का नतीजा देश को 14 दिन बाद देखने को मिल सकता है। आज यानि मंगलवार को कोरोना मरीज़ों का आँकड़ा 46433 है। इसीलिए आँकड़ा अगर बाढ़ की तरह बढ़ा तो मान लीजियेगा कि इस बार शराबी नहीं सरकार नशे में थी।
केंद्र की मोदी सरकार ने लॉकडाउन 3 में शराब की दुकानों को खोलने की इजाज़त दे दी। इस बीच सोशल डिस्टनसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं। ऐसे में किसी अनहोनी को सरकार की तरफ से ही दावत दे दी गई है।
लेकिन, शराब की दुकानें खोलने का फैसला देश के हर उस आदमी के साथ धोखा है जिसने 40 दिन तक, जान है तो जहान है, का पाठ पढ़ा कर घर बिठाया। अब अगर शराब की दुकानें खोलने की वजह से कोरोना के मामले बढ़ते हैं तो न जाने लोगों को और कितने दिन घर में बंद होना पड़ेगा।