उत्तराखंड के ऋषिकेश में करीब 6 दिन से लापता अंकिता भंडारी का शव नहर में मिल गया है।वकल दोषियों ने जुर्म कबूल कर पूरी घटना की जानकारी दी थी।

लेकिन इन सब के बीच उत्तराखंड पुलिस की भूमिका और कार्यशैली पर तमाम सवाल उठ रहे हैं।

18 सितम्बर को लापता हुई अंकिता को ढूढ़ने में पुलिस ने काफी देर की। राजनीतिक दवाब के चलते पुलिस हाथ पीछे खींचती रही।

जब पूरे देश में आंदोलन तेज हुआ तब जाकर नी़द से जागी उत्तराखंड पुलिस। जिस होटल में अंकिता पिछले महीने से काम कर रही थी, वो होटल सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के नेता और पूर्व मंत्री का था, जहां से वो गायब हुई थी |

पर जब सोशल मीडिया पर परिवार और दोस्तों ने अंकिता के लापता होने की खबर को वायरल किया जिसके बाद पुलिस पर दवाब बनना शुरू हुआ। पुलिस के काम को देखकर ही लग रहा था पुलिस कुछ छुपा रही है। पर पुलिस ज्यादा देर इस खबर को दबा नहीं पाई और जिसके बाद जो सच सामने आया उससे लोगों की रूह कांप गई |

अंकिता की मौत के बाद से ही सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा नजर आ रहा है। तो वहीं विपक्ष भी भाजपा पर हमलावार है।

घटना पर AAP के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भराद्वाज ने कहा- “बलात्कारियों के समर्थन में तिरंगा यात्रा निकालने वाली भाजपा के नेता अब हमारी बेटियों को वैश्या बनाने में लगे हैं। वैश्या बनो नहीं तो जान गवाओ”

साथ ही बता दें सौरभ ने शुक्रवार को भी एक ट्वीट कर लिखा था- “अब भाजपा अपने संस्कारी बलात्कारी हत्यारे नेता के लिए तिरंगा यात्रा भी निकालेगी”।

शनिवार सुबह अंकिता का शव बरामद

आपको बता हैं पांच दिनों से लापता अंकिता भंडारी की नहर में धकेल कर हत्या की गई। यह खुलासा करते हुए पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर रिजॉर्ट के संचालक पूर्व राज्यमंत्री के बेटे रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य व उसके दो मैनेजरों को गिरफ्तार कर लिया।

अंकिता की शव तलाशने के लिए पुलिस ने एसडीआरएफ की मदद ली। चीला नहर का पानी बंद कराया | जिसके बाद शनिवार सुबह अंकिता का शव बरामद कर लिया गया।

आरोपी मंत्री के बेटे ने कराई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट

एएसपी कोटद्वार शेखर सुयाल ने शुक्रवार को मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पौड़ी गढ़वाल के नांदलस्यूं पट्टी के श्रीकोट निवासी अंकिता भंडारी (19) वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करती थी। वह गत 18 सितंबर को रहस्मय ढंग से लापता हो गई थी। रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य की ओर से उसकी गुमशुदगी राजस्व पुलिस चौकी में दर्ज कराई गई।

गुरुवार तक अंकिता का नहीं चला पता

स्थानीय पुलिस ने मामले को दबाने का पूरा प्रयास किया, पर सोशल मीडिया मामला आने के बाद गुरुवार को मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर करना पड़ा। इसके बाद जब पुलिस ने जांच की तो रिजॉर्ट के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई।

रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक मंत्री पुत्र पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भाष्कर के साथ रिजॉर्ट से गई थी। इसके बाद करीब साढ़े दस बजे ये तीनों ही रिजॉर्ट में लौटे। अंकिता उनके साथ नहीं थी। इस आधार पर तीनों को हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने सारे घटनाक्रम को उगल दिया।

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