भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक सभा को संबोधित करते हुए मदुरै में एम्स का निर्माण का 95 प्रतिशत पूरा होने के दावा किया था जिसका जमकर मजाक उड़ाया जा रहा है. नड्डा ने कहा था कि इसे जल्द ही राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा.

जेपी नड्डा के दावे के अगले ही दिन 23 सितंबर को कांग्रेस के विल्लुपुरम से सांसद मनिकम टैगोर और माकपा के मदुरै से सांसद सु वेंकटेशन ने थोप्पुर इलाके का दौरा किया, जहां एम्स की बिल्डिंग बनाए जाने की बात कही गई.

थोप्पुर पहुंचकर दोनों सांसदों ने अपने हाथों में तख्तियां लेकर मोदी सरकार से पूछा कि एम्स का काम कहां पूरा हुआ है? क्या बिल्डिंग चोरी कर ली गई है.

भाजपा अपने जुमले के लिए जानी जाती है. बीते समय में भी उसने जनता से ऐसे कई लोकलुभावन वादे किए हैं. लेकिन समय बीतने के साथ यह सिर्फ एक झूठा वादा ही साबित हुआ है.

सु वेंकटेशन ने कहा कि एम्स मदुरै को कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है क्योंकि उसके बजट को महामारी से पहले 1,200 करोड़ रुपए के शुरुआती अनुमान से 1,900 करोड़ रुपए में संशोधित किया गया था.

इस वजह से टेंडर नहीं हो सके. मुझे बताया गया कि यही कारण है जब मैंने हाल ही में एम्स मदुरै के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से पूछताछ की.

यहां तक कि जिस बोर्ड ने दावा किया था कि जमीन एम्स मदुरै की है, वह भी गायब है. उन्होंने कहा कि विशाल भूमि में किसी भी निर्माण कार्य के जल्द शुरू होने के कोई संकेत नहीं हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने महत्वपूर्ण मुद्दे पर तमिलनाडु की जनता को गुमराह किया है.

राज्य के दक्षिणी जिलों के लोग पिछले पांच वर्षों से एम्स अस्पताल के बनने की राह देख रहे है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने मदुरै की जनता के साथ धोखा किया है.

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