बीते साल मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों का विरोध दिल्ली की सीमाओं पर लगातार चल रहा है। किसान संगठनों ने फैसला लिया है कि इस बार के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ प्रचार करेंगे।

इसके साथ संसद के दोनों सदनों में भी सरकार को विपक्षी दलों द्वारा किसानों के मुद्दों पर सवालों के कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। किसान आंदोलन का समर्थन बीते साल से ही सभी विपक्षी दलों द्वारा किया जा रहा है।

इसी कड़ी में आज आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सदन में किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा है।

उन्होंने केंद्र सरकार को बिजनेसमैन गौतम अडानी के नौकर कह कर संबोधित किया और कहा कि मैं किसान बिल के विरोध में अपनी बात कहने के लिए खड़ा हूं।

मैं आपसे और आप के माध्यम से मोदी सरकार से पूछना चाहता हूं कि अडानी की नौकरी करके किसानों का अपमान क्यों किया जा रहा है? मोदी सरकार किसानों का विरोध क्यों कर रही है?

इस दौरान सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच काफी हंगामा हुआ है। बताया जाता है कि आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सदन में शून्यकाल का नोटिस दिया था।

जिसमें दिल्ली में 9 साल की दलित बच्ची के साथ हुए जघन्य अपराध और राजधानी में बिगड़ रही कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग की गई थी।

गौरतलब है कि 19 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में किसानों के मुद्दे को उठाया जा रहा है। लेकिन मोदी सरकार इस मुद्दे पर चर्चा करने से भाग रही है। इसके साथ साथ बढ़ रही महंगाई, बेरोजगारी और पेगासस जासूसी मामला भी संसद में चर्चा का विषय बना हुआ है।

आपको बता दें कि किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए किसान संगठनों ने जंतर मंतर पर किसान संसद की शुरुआत भी की है।

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