भारत में फैली कोरोना महामारी के दौरान एलोपैथी को मूर्खतापूर्ण चिकित्सा बताने के बाद योग गुरु और पतंजलि के मालिक बाबा रामदेव अब डॉक्टरों के साथ-साथ आम लोगों के निशाने पर भी आ चुके हैं।
इसी कड़ी में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा बाबा रामदेव के बयान को निंदाजनक बताते हुए उत्तराखंड सरकार को पत्र लिखा है। जिसमें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बाबा रामदेव पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
अब खबर सामने आ रही है कि एम्स के डॉक्टरों ने भी बाबा रामदेव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इससे जुड़ी एक वीडियो पत्रकार विनोद कापड़ी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की है।
जिसमें डॉक्टर्स बाबा रामदेव का विरोध करते हुए नजर आ रहे हैं। इन डॉक्टरों ने अपने हाथ में प्ले कार्ड पकड़े हुए हैं और यह नारे लगा रहे हैं कि “ढोंगी को दूर भगाओ, कोरोना से देश बचाओ।”
एम्स के डॉक्टरों ने मांग की है कि जल्द से जल्द बाबा रामदेव को गिरफ्तार किया जाए। प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के मरीजों का इलाज करते हुए जिन डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ की मौत हुई है।
वह शहीदों में गिने जा रहे हैं। लेकिन बाबा रामदेव ने इस तरह का शर्मनाक बयान देकर इन शहीद डॉक्टरों का अपमान किया है।
इस प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे एम्स आरडीए के रेजिडेंट डॉ अमनदीप सिंह का कहना है कि बाबा रामदेव द्वारा दिए गए बयान से डॉक्टरों और हेल्थ केयर वर्कर्स का मनोबल कम हुआ है। इसके साथ ही दुनिया भर में भारत की छवि भी खराब हुई है।
अपने इस शर्मनाक बयान के लिए बाबा रामदेव को तुरंत ही माफी मांगने चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करेंगे तो आगे भी यह प्रदर्शन जारी रहेगा। हम चाहते हैं कि सरकार उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार करें।
इसके अलावा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन उत्तराखंड ने बाबा रामदेव के खिलाफ 1000 करोड़ रुपए का नोटिस भेजा है।
उनका कहना है कि बाबा रामदेव अपनी दवाइयां बेचने के लिए एलोपैथी को लेकर फर्जी बयान दे रहे हैं।