देश में सत्तारूढ़ मोदी सरकार के कार्यकाल में सरकारी कर्मचारियों की नौकरियां ही सुरक्षित नहीं है। एक तरफ जहां बीएसएनल के कर्मचारी संस्था के बंद होने के डर के साए में जी रहे हैं। वहीं एयर इंडिया का भी यही हाल है।

देश की सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया ने अचानक और एक साथ ही अपने 48 पायलटों को नौकरी से बर्खास्त करने का बड़ा फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि ये वो पायलट है, जिन्होंने बीते साल इस्तीफा दे दिया था। लेकिन नियमों के तहत वह 6 महीने की नोटिस अवधि के अंदर ही अपने इस्तीफे वापस ले लिए थे।

इन पायलटों को एयरलाइन के एयरबस 320 विमानों को उड़ाने की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन कंपनी के इस फैसले से पायलट नाराज बताए जा रहे थे।

खबर के मुताबिक, एयर इंडिया ने एक साथ ही 48 पायलटों को नौकरी से बर्खास्त कर टर्मिनेशन लेटर में अपने इस फैसले के लिए कंपनी के कामकाज पर वित्तीय बाधाओं और कोरोना वायरस के बुरे प्रभाव का हवाला दिया है।

कंपनी का कहना है कि कोरोना वायरस के चलते इस वक्त परिचालन सीमित है और आने वाले वक्त में इसके और भी बड़े स्तर पर सीमित होने की संभावना है। इस वजह से एयर इंडिया को काफी बड़ी तादाद में नुकसान हो रहा है और उनके पास भुगतान करने के लिए वित्तीय क्षमता भी नहीं है।

आपको बता दें कि एयर इंडिया द्वारा टर्मिनेट किए गए पायलटों में से कुछ ने बर्खास्त किए जाने से एक दिन पहले ही उड़ान भरी थी। बताया जा रहा है कि इस मामले में इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन ने अब एयर इंडिया के चेयरमैन और एमडी राजीव बंसल को पत्र लिख कंपनी द्वारा पायलटों को गैरकानूनी तरीके से बर्खास्त करने के खिलाफ तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है।

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