यूपी में विधानसभा चुनाव का प्रचार प्रसार अपने चरम पर है. इसी क्रम में 10 फरवरी को सहारनपुर में पीएम नरेंद्र मोदी की रैली थी. खबर है कि इस रैली में कम से कम 300 बसें हरियाणा से मंगवाई गई थी.

अब रैली के आयोजनकर्ताओं ने बसों के डीजल का खर्चा और टोल टैक्स की राशि देने में आनाकानी की तो पोल खुल गई कि किस तरह से पीएम मोदी और भाजपा की रैलियों में भीड़ जुटाने के लिए आसपास के राज्यों से लोग मंगवाए जा रहे हैं.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए कहा है कि

वादे में चुक हो गई है. पहले भारतीय जनता पार्टी की प्रचार की तस्वीरें ही झूठी हुआ करती थीं पर अब तो इन की रैलियों में भीड़ भी दूसरे प्रदेशों से लाई जा रही हैं.

भाड़े की भीड़ लाने वाली हरियाणा की बसों को वायदे के अनुसार तेल और टोल तक का पैसा नहीं दिया जा रहा है.

भाड़ा तो दूर की बात रही. इसके बाद अखिलेश यादव ने कहा कि ध्यान रखें कि कहीं भाजपा अपने मतदाता भी…..

 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन सभी 300 बसों के डीजल और टोल टैक्स पर करीब 31 लाख रुपये खर्च हुए हैं.

भाजपा ने अभी तक पैसों का भुगतान नहीं किया है, इस वजह से ये 31 लाख रुपये बस मालिकों को अपनी जेब से भरने पड़े हैं.

बस ऑपरेटर भाजपा की इस वायदाखिलाफी से परेशान हो गए हैं और अपनी बकाया राशि मांग रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में भारी भीड़ जुटाने के मकसद से भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा के अलग अलग इलाकों से लोगों को जुटाया था. लोगों की भीड़ दिखाने के लिए हरियाणा के लोगों को बसों में भर भर कर लाया गया था.

इनमें जींद से 53, अंबाला से 30, पानीपत की 35, सोनीपत से 15 बसों के अलावा कैथल, करनाल, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र आदि जिलों से भी बड़ी संख्या में लोगों को रैलियों में ले जाया गया लेकिन बस ऑपरेटरों को डीजल का खर्चा और टोल टैक्स की राशि नहीं दी जा रही है. इससे बस ऑपरेटरों में काफी आक्रोश है.

हरियाणा के ट्रांसपोर्ट सोसायटी बस वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान दलबीर सिंह मोर ने भारतीय जनता पार्टी से बस ऑपरेटरों के बकाये राशि के शीघ्र भुगतान की मांग की है.

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