बैंकिंग इतिहास के सबसे बड़े एबीजी शिपयार्ड घोटले के लिए देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्व की यूपीए यानी कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया। एबीजी शिपयार्ड गुजरात की एक कंपनी है जिस पर 2012 से 2017 के दौरान 28 बैंकों के साथ 22,842 करोड़ का घोटला करने का आरोप है।

ये घोटाल नीरव मोदी द्वारा किये गए घोटले से भी बड़ा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इस घोटले के लिए कोंग्रस को जिम्मेदार ठहराते हुए बतया, एबीजी शिपयार्ड कंपनी का खाता पिछले कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान ही एनपीए (NPA)हो गया था।

वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों द्वार बहुत कम समय यानी 55 महीने ये घोटला पकड़ा गया जो की कबीले तारीफ़ है। सीबीआई ने बैंकिंग घोटले के मामले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड कंपनी और उसके पूर्व चैयरमेन और प्रबंधक ऋषि अग्रवाल के खिलाफ मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।

मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान होने वाला ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके है। मोदी सरकार में पहले भी कई बड़े व्यापारी बैंकों को चपत लगाकर फरार हो चुके हैं।

एबीजी शिपयार्ड घोटला नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के 14 हजार करोड़ रुपए के पीएनबी घोटले से डेढ़ गुना बड़ा है। मामले की शिकायत 2019 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने घोटले का शिकार हुए बैंकों की कमेटी की अगुवाई करते हुए की थी। अब विपक्ष मोदी सरकार से सवाल कर रहा है कि इतना बड़ा घोटला कैसे हो गया और सरकार को इसकी कानों कान खबर क्यों नहीं हुई। विपक्ष का कहना है कि जिस समय गुजरात की ये कंपनी देश का सबसे बड़ा घोटला कर रही थी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे। उनके ही कार्यकाल में ये घोटला हुआ है।

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