पहले से ही कमरतोड़ महंगाई से कराह रही आम जनता को जुलाई महीने के पहले ही दिन केंद्र सरकार ने एक और जबरदस्त झटका दे दिया है।

बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 25 रुपये की भारी मूल्यवृद्धि कर दी गई है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि से आम आदमी का पहले से ही कचूमर निकला हुआ था।

उसके बाद दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी और अब ये एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि।

अब 1 जुलाई से बिना सब्सिडी वाले घरेलू सिलेंडरों के लिए आपको 25 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे।

वहीं व्यावसायिक एलपीजी सिलेंडरों की कीमत में भी 76 रुपये का इजाफा किया गया है। जुलाई का महीना शुरु होते ही आम आदमी की जेब पर इसे बड़ा सरकारी हमला माना जा रहा है।

सरकार का मन इतने से ही नहीं भरा है। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने आज से पैसा निकालने पर चार्ज बढ़ा दिया है। अब कोई भी ग्राहक एक महीने में चार बार ही अपने पैसे बैंक से निकाल पाएगा।

चार बार से ज्यादा ब्रांच से पैसे की निकासी करने पर 15 रुपये का अतिरिक्त सर्विस चार्ज देना होगा। यह नियम बैंक के साथ साथ एटीएम से भी पैसे निकालने पर लागू होगा।

देश की सबसे बड़ी गैस कंपनी के तौर अपनी पहचान रखने वाली कंपनी इंडेन की वेबसाइट के अनुसार 01 जुलाई से दिल्ली में एलपीजी सिलेंडर की कीमतें अब बढ़कर 834.5 रुपये हो गई है जबकि 01 जून को इसकी कीमत 809 रुपये थी जबकि 19 किलो वाले व्यावसायिक सिलेंडर की कीमत अब 1550 रुपये हो गई है। 01 जून को व्यावसायिक सिलेंडर की कीमत 1473.50 रुपये थी।

पिछले 06 महीनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो पाएंगे कि वर्ष 2021 में अब तक घरेलू गैस की कीमतों में 140 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है।

लगातार कोरोना की दो लहरें और उसके बाद दो लाॅकडाउन से वैसे ही मध्यम वर्ग और गरीब तबका कराह रहा था, उसके बाद लगातार बढ़ती महंगाई ने लोगों को जीना मुहाल कर दिया है।

आम आदमी इस बेतहाशा बढ़ती महंगाई से त्रस्त है। लोगों की नौकरियां जा रही है। नौकरियां हैं भी तो सैलरी में भारी भरकम कटौती हो चुकी है।

छोटे छोटे उद्योग धंधे दम तोड़ रहे हैं। ऐसे में एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में यह भारी मूल्यवृद्धि कितनी जायज है?

कांग्रेस के नेशनल मीडिया पैनलिस्ट सुरेंद्र राजपूत ने सुबह सुबह आई मूल्यवृद्धि की इस खबर पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि देखो मोदी जी का खेल, महंगी गैस महंगा तेल.

वहीं अलका लांबा ने लिखा- “ग़रीब आम आदमी को प्रधानमंत्री मोदी जी सीधे ज़हर ही क्यों नहीं दे देते”

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