सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने राफेल मुद्दे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने दावा किया कि उनके पास इस संबंध में ऐसे दस्तावेज़ हैं जिससे राफेल को घोटाला साबित किया जा सकता है।
सोमवार को दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान अन्ना हज़ारे ने राफेल पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि, ‘मुझे एक बात समझ नहीं आती कि समझौते से एक महीने पहले बनी एक कंपनी को इसमें सहयोगी कैसे बनाया गया।’
उन्होंने कहा कि राफेल में कई अनियमित्ताएं हैं, जिसका ख़ुलासा वह दो दिन बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए करेंगे। उनके मुताबिक, फिलहाल वह राफेल से जुड़े दस्तावेज़ों का अध्ययन कर रहे हैं। अन्ना ने राफेल को घोटाला करार देते हुए इस बात का दावा भी किया कि अगर देश में लोकपाल होता तो राफेल जैसा घोटाला रुक सकता था।
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अन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम, 2013 को लागू नहीं करने पर केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि देश पर ‘तानाशाही’ की तरफ जाने का ‘खतरा’ मंडरा रहा है।
अन्ना ने इस दौरान भ्रष्टाचार रोधी कानून को लागू करने और किसानों से जुड़ी मांगों को लेकर 30 जनवरी से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की घोषणा भी की।
वह 30 जनवरी को अपने गांव रालेगण सिद्धि में भूख हड़ताल करेंगे और वह सरकार द्वारा मांगें पूरी होने तक इसे जारी रखेंगे।
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बता दें कि बीते आठ साल में लोकपाल की मांग को लेकर अन्ना हजारे की यह तीसरी भूख हड़ताल होगी। वह सिविल सोसायटी सदस्यों तथा समूहों का नेतृत्व करते हुए अप्रैल 2011 में पहली बार दिल्ली के रामलीला मैदान में अनिश्चतकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे।