दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को देशभर के लोगों का समर्थन मिल रहा है। इसके साथ ही कई सामाजिक संगठन भी किसान आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी ले रहे हैं।

बीते दो हफ्तों से दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर मोदी सरकार के किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ मोर्चा खोले हुए किसानों को अब देश के समाजसेवी अन्ना हजारे का साथ भी मिल गया है।

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में बड़ा ऐलान कर दिया है।

बताया जा रहा है कि अन्ना हजारे ने मोदी सरकार को चेतावनी भरे अंदाज में कहा है कि अगर किसानों की मांगे पूरी नहीं की गई। तो वह किसानों के समर्थन में एक और जन आंदोलन शुरू कर देंगे।

गौरतलब है कि सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों की मांग है कि मोदी सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। वह इन कानूनों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं चाहते हैं।

इस मांग को अभी तक मोदी सरकार मानने से इंकार कर रही है। जिसके चलते किसान संगठनों ने दोबारा 14 दिसंबर को बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने की बात कह डाली है।

इसी बीच लोकपाल आंदोलन चलाने वाले अन्ना हजारे ने कहा है कि मैं किसान आंदोलन को उसी तर्ज पर देखता हूं। जिस तर्ज पर लोकपाल के खिलाफ लड़ाई लड़ी गई थी।

83 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने बताया है कि उन्होंने भारत बंद के दिन अपने गांव में एक सभा का आयोजन किया था। जिसमें लोगों ने मिलकर किसानों का समर्थन करते हुए एक दिन का उपवास किया।

अन्ना ने कहा-अब एक बार फिर से मैं किसानों के समर्थन में ‘जन आंदोलन’ करने के लिए तैयार हूं। यह आंदोलन भी लोकपाल आंदोलन के बराबर होगा अगर मोदी सरकार ने किसानों की मांगें नहीं मानी।

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