लोकसभा चुनाव पहली बार सेना के नाम पर लड़ा जा रहा है। पाकिस्तान के दो टुकड़े करने की बात हो या फिर कारगिल की जंग में पाकिस्तान को हराना। सत्ताधारी दलों ने कभी सेना के नाम पर वोट नहीं मांगें। चाहे वो यूपीए की सरकार रही हो या फिर एनडीए मगर इस बार खुद प्रधानमंत्री का मानना है की जब किसान मुद्दा हो सकता है तो जवान क्यों नहीं।

इसी बयान का पालन करते हुए कभी सीएम योगी भारतीय सेना को मोदी जी सेना करार दे देते है तो कभी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह मोदी जी की एयरफ़ोर्स बता देते है। अब इसी क्रम में एक और नाम जुड़ गया केंद्रीय मंत्री राजवर्धन सिंह राठौर का जिन्होंने बयान दिया है ‘सेना मोदी जी और बीजेपी के साथ खड़ी हुई है।’

दरअसल राठौर से पत्रकार ने कांग्रेस दुवारा यूपीए काल में की गई 6 बार सर्जिकल स्ट्राइक के दावे पर सवाल किया था। जिसका जवाब वही था जो उनके अन्य नेता बोलते आए है।

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उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि अपने पास रखें इन सब सर्जिकल स्ट्राइक को फौज में तो हम थे हमें पता है क्या हुआ है और क्या नहीं हुआ?सारी सेना आज भारतीय जनता पार्टी और मोदी जी के साथ खड़ी हुई है ऐसी नहीं खड़ी रही हम जानते है वहां क्या होता था।

सेना हमेशा स्वतंत्र रही है और गोलियों से खेलती है, वीडियो गेम नहीं। मोदी जी को गलतफहमी है कि भारत की सेना वीडियो गेम खेलती है। वो सर्जिकल स्ट्राइक के हीरो लेफ्टि. जन. डीएस हूडा को सुनें। शर्म के मारे आईने में खुद का चेहरा नहीं देख पाएंगे।

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