भारत में कोरोना संक्रमण से बिगड़े हालात की वजह से केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार की दुनिया भर में किरकिरी हो रही है। भारत को विश्व गुरु बनाने के सपने दिखाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज दुनिया के छोटे-छोटे देशों से स्वास्थ्य संबंधी सामान मंगवाना पड़ रहा हैं।
साल 2014 के बाद मोदी सरकार ने कई अच्छे बुरे फैसले लिए हैं। लेकिन कोरोना महामारी में सरकार के प्रबंधन और अव्यवस्थाओं पर कई बड़े देशों ने सवाल उठाए हैं।
इसी कड़ी में भारत के विपक्षी नेता भी देश में कमजोर कोविड कुप्रबंधन को लेकर पीएम मोदी की आलोचना कर रहे हैं। इस मामले में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी मोदी सरकार पर तंज कसा है।
उन्होंने कहा है कि जिस आदमी को कुत्ते के पिल्ले की मौत पर भी दुख होता था। आज उन्हें इतनी बड़ी संख्या में इंसानों के मरने का असर क्यों नहीं हो रहा?
विदेशों से कोरोना महामारी में भारत के लिए आई मदद का एयरपोर्ट पर कई दिनों तक पड़े रहने पर भी उन्होंने गुस्सा जाहिर जाहिर किया है।
असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि देश में लोग ऑक्सीजन की कमी से तड़प रहे हैं। इसके बावजूद वैक्सीन और ऑक्सीजन के वितरण में इतनी देरी की जा रही है।
विदेशों से आई मदद दिल्ली में ही पड़ी हुई है। कई दिनों तक इसे वितरित किए जाने का इंतजार किया गया। इस मदद में 5500 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, 3,200 सिलिंडर और रेमडिसिवर के 1.36 लाख इंजेक्शन थे।
पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह सिर्फ वर्चुअल कॉन्फ्रेंस ही करते रहते हैं। उन्हें जमीन पर आकर भी हालात को देखना चाहिए।
इसके अलावा सरकार की टैक्स नीति पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि विदेश से भारत आ रही मदद पर आखिर जीएसटी और दूसरे टैक्स क्यों लगाए जा रहे हैं।