हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों को लेकर पूरे देश में हलचल मची हुई है। ये कानून जहां किसान विरोधी हैं। वहीं आने वाले समय में देश के आम नागरिक के लिए भी बहुत ही खतरनाक है।

इस वक़्त किसानों को जिस तरह से कानून के दायरे में लाकर और पाबंदियां लगा कर उनके मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। वहीँ सरकार उनकी जमीन हड़पने की साजिश रच रही है। जोकि देश के संविधान के भी खिलाफ है।

नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के किसानों का विरोध छठे दिन भी जोर पकड़ता हुआ नजर आ रहा है।

दिल्ली के साथ लगती सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन को कई अन्य किसान संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का साथ भी मिल रहा है।

जहां शाहीन बाग की दादी बिलकिस बानो आज किसानों को समर्थन देने के लिए पहुंची थी। वही भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर भी गाज़ीपुर गाजियाबाद बॉर्डर पर किसानों को समर्थन देने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उनके साथ भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी थे।

चंद्रशेखर आजाद ने इस दौरान किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि मोदी सरकार के खिलाफ यह उनके अधिकारों की लड़ाई है। इस दौरान उन्होंने कहा है कि देश के दलित, मजदूर और किसान सब एक हैं।

किसान ख़ुशी के चलते सड़कों पर नहीं उतरे। उनपर आंसू गैस के गोले छोड़े गए। वाटर कैनन इस्तेमाल किए गए। यहाँ तक कि लाठीचार्ज किया गया।

याद रखें इसी किसान की वजह से हम अन्न खाते हैं। इस तानाशाह सरकार के खिलाफ किसान तैयार होकर आए हैं। सरकार को इनके आगे झुकना ही होगा।

आपको बता दें कि सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए किसानों ने मोदी सरकार के साथ किसी भी तरह की सशर्त बातचीत करने से इंकार कर दिया है। किसानों का कहना है कि वह किसी भी तरह के मोल-तोल के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने जो मांग रखी है सरकार को उसे मंजूर करना ही होगा।

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