कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर बनाई गई सुप्रीम कोर्ट की चार सदस्यीय कमेटी से भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने खुद को अलग कर लिया है।
मान ने ख़ुद को कमेटी से अलग करने का ऐलान एक प्रेस स्टेटमेन के ज़रिए किया। उन्होंने कहा कि वह किसानों के जज्बात को देखते हुए कमेटी से अलग हुए हैं।
उनका कहना है कि वह किसानों के साथ हमेशा खड़े रहेंगे और उनके हितों के खिलाफ कभी नहीं जाएंगे।
स्टेटमेन में किसान नेता ने कमेटी में शामिल किए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया और आगे लिखा है कि एक किसान और संगठन का नेता होने के नाते मैं किसानों की भावना को जानता हूं। मैं अपने किसानों और पंजाब के प्रति वफादार हूं।
उन्होंने लिखा, “किसानों के हितों से कभी कोई समझौता नहीं कर सकता। मैं इसके लिए कितने भी बड़े पद या सम्मान की बलि चढ़ा सकता हूं। मैं कोर्ट की ओर से दी गई जिम्मेदारी नहीं निभा सकता। मैं खुद को इस कमेटी से अलग करता हूं।
बता दें कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलनों की समस्या को सुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था।
इस कमेटी में भूपिंदर सिंह मान को जगह दी गई थी, जिसका किसान यूनियनों ने विरोध किया था।
किसान यूनियनों का कहना था कि भारतीय किसान संघ ने पहले ही कृषि कानूनों के समर्थन में कृषि मंत्री को अपना पत्र सौंप दिया था।