महाराष्ट्र की सत्ता से महा विकास अघाड़ी (MVA) को उखाड़ फेंकने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को विधान परिषद चुनावों में करारा झटका लगा है।

चुनावों में MVA ने बीजेपी को बुरी तरह हरा दिया है। बीजेपी की हालत यहां ऐसी हो गई कि वो अपने दो गढ़ पुणे और नागपुर को भी बचाने में नाकाम रही।

6 सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी सिर्फ धुले-नंदुरबार की एक सीट पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही। बाकी 5 सीटों पर शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस के गठबंधन (MVA) ने बाज़ी मारी।

बीजेपी को एक साल के अंदर राज्य में दूसरा बड़ा झटका लगा है। पिछले साल नवंबर महीने में बीजेपी को महाराष्ट्र की सत्ता से हाथ धोना पड़ा था।

बीजेपी ने 4 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और एक निर्दलीय को समर्थन दिया था। बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार को भी हार का सामना करना पड़ा।

बीजेपी की गिरावट का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो अपने दो गढ़ पुणे और नागपुर को भी बचा नहीं पाई। नागपुर में उसे सबसे बुरी हार का सामना करना पड़ा।

नागपुर में हार बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि पिछले 5 दशकों से यह बीजेपी और आरएसएस का गढ़ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पिता गंगाधरराव फडणवीस 12 साल इस सीट से प्रतिनिधि रहे।

वहीं बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का इस सीट पर 25 साल दबदबा रहा।

नागपुर में मिली जीत के बाद एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा कि यह MVA की बड़ी जीत है। हमने नागपुर सीट पर कब्जा जमाया है, जो हमारे पास कभी नहीं रही।

ये नतीजे दिखाते हैं कि जो काम एमवीए ने एक साल में किए हैं, वो लोगों को पसंद आए। आम लोगों ने इस गठबंधन को स्वीकार कर लिया है।

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