बीजेपी के किले ढ़हते नज़र आ रहे हैं। महाराष्ट्र के साथ ही उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव में बीजेपी को अपने गढ़ में हार का सामना करना पड़ा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में शिक्षक एमएलसी सीट पर बीजेपी प्रत्याशी को करारी शिकस्त मिली है। महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में भी बीजेपी को अपने दो गढ़ पुणे और नागपुर में हार का सामना करना पड़ा।

वाराणसी की शिक्षक एमएलसी सीट पर समाजवादी पार्टी की जीत हुई है। समाजवादी पार्टी के लाल बिहारी यादव ने निर्दलीय प्रत्याशी प्रमोद मिश्रा को 936 वोटों से हराया। लाल बिहारी को कुल 7766 वोट मिले हैं। प्रमोद कुमार 6830 वोट पा सके।

वहीं बीजेपी के चेतनारायण सिंह को सिर्फ 4858 वोट मिले। वह तीसरे पर रहे। स्नातक सीट पर भी भाजपा प्रत्याशी केदारनाथ सिंह पहले ही राउंड से पीछे चल रहे हैं।

यहां भी सपा प्रत्याशी आशुतोष सिन्हा ने बढ़त बनाई हुई है।समाजवादी पार्टी ने इसे बड़ी जीत बताया है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 11 सीटों पर चुनाव हुए थे। इनमें 6 शिक्षक और 5 स्नातक निर्वाचन खंड शामिल हैं। रुझानों और नतीजों के मुताबिक, 6 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में से 3 पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है, जबकि एक पर समाजवादी पार्टी और दो पर निर्दलीयों को जीत हासिल हुई है।

लखनऊ, मेरठ-सहारनपुर, बरेली-मुरादाबाद शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों में बीजेपी ने बाज़ी मारी है, जबकि वाराणसी में समाजवादी पार्टी और आगरा एवं गोरखपुर-फ़ैज़ाबाद शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में निर्दलीयों की जीत हुई है।

ऐसा पहली बार हुआ है जब सभी दलों ने एमएलसी चुनाव के लिए अपने प्रत्याशी उतारे। इससे चुनाव रोचक हो गया।

पिछली बार तक केवल सपा ने पश्चिम यूपी के जिलों में अपने प्रत्याशी उतारे थे। इस बार बीजेपी, सपा और कांग्रेस ने भी सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारे और जीत के लिए ताकत झोंक दी थी।

ये चुनाव बीजेपी के लिए काफी अहम माना जा रहा है। 100 सदस्यों वाली यूपी विधान परिषद में फिलहाल बीजेपी के पास 19 विधायक ही हैं, जबकि समाजवादी पार्टी के 52 विधायकों के साथ विधान परिषद की सबसे बड़ी पार्टी है।

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