पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने सत्ताधारी टीएमसी में बड़े पैमाने पर सेंधमारी करते हुए उनके नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया था। टीएमसी से भाजपा में जाने वालों में कई विधायक भी थे।

भाजपा की इस सेंधमारी को पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के मास्टर स्ट्रोक के तौर पर भी देखा जा रहा था। अब पासा पलट गया है। भाजपा की बंगाल में करारी हार हुई और ममता बनर्जी की प्रचंड जीत हो गई।

टीएमसी से भाजपा में शामिल हुए नेता अब वापस टीएमसी में शामिल होने के लिए सीएम ममता बनर्जी से गुहार लगा रहे हैं।

वापस टीएमसी में शामिल होने वाले नेताओं की फेहरिश्त काफी लंबी है। अब इनमें नया नाम जुड़ गया है बशीरहाट पश्चिम से पूर्व विधायक दीपेंदु बिस्वास का।

दीपेंदु पूर्व में बशीरहाट पश्चिम से टीएमसी से विधायक हुआ करते थे। बाद के दिनों में वो भाजपा में शामिल होे गए थे।

अब सीएम ममता बनर्जी को चिट्ठी लिखकर दीपेंदु ने अफसोस जाहिर किया है और कहा है कि पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान मैं गहरे अवसाद का शिकार हो गया था। मैं अपनी इस गलती के लिए दीदी से माफी मांगता हूं और वापस टीएमसी में शामिल होना चाहता हूं।

दीपेंदु ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि मैंने अभिमान में आकर भाजपा में शामिल होने का बेहद गलत निर्णय ले लिया था।

मैं इस गलती के लिए माफी मांगते हुए टीएमसी में वापस आना चाहता हूं और पार्टी के सैनिक के तौर पर काम करना चाहता हूं। मैंने यह फैसला अपने परिवार के लोगोंक से बातचीत करके लिया है।

इसके पहले पूर्व विधायक सोनाली गुहा, सरला मूर्मू, अमल आचार्य और पूर्व मंत्री बच्चू हांसदा ने भी सीएम ममता बनर्जी को माफीनाफा भेजा है और सभी ने टीएमसी में वापसी की गुहार लगाई है।

मालूम हो कि बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा खेमे में खलबली है। भाजपा के कई विधायक और सांसद भी टीएमसी में शामिल होना चाहते हैं। उन्हें ममता बनर्जी की ओर से हरी झंडी मिलने का इंतजार है।

भाजपा नेताओं के टीएमसी में शामिल होने पर अभी तक टीएमसी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन माना जा रहा है कि 05 जून को होने वाली टीएमसी की सांगठनिक बैठक में इस मामले पर चर्चा की जाएगी।

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