कोरोना महामारी का नकारात्मक प्रभाव केवल लोगों के स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है।

सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021 में भारत की विकास दर -7.3 % तक जा गिरी है। ये पिछले 40 सालों में अब तक का सबसे खराब आंकड़ा है।

विकास की गंगा अब उल्टी बह रही है, क्योंकि सरकार देश की अर्थव्यवस्था को संभाल नहीं पा रही।

दरअसल, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था 2020-21 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में 1.6% की दर से बढ़ी।

वहीँ पूरे वित्त वर्ष में जीडीपी 7.3% से गिरी है। ये ख़बर भारतवासियों को निराश कर देने वाली है।

ये उनके लिए भी निराशाजनक है जो महामारी के दौरान पीएम केयर्स फंड में अपनी कमाई दान कर रहे थे, ये उनके लिए भी निराशाजनक है जो सरकार द्वारा जारी फंड पर भरोसा कर रहे थे।

कई लोगों ने अपने सोशल मीडिया पर सरकार से सवाल भी किए हैं। कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा, “देश की विकास दर #GDP कब सकरात्मक होगी मोदी जी? -7.3 नकरात्मक विकास दर।”

इसी पर तीखी टिप्पणी करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता हंसराज मीना ने लिखा, “वित्‍तीय वर्ष 2021 में भारत की विकास दर -7.3% तक लुढ़की। भारतीय अर्थव्यवस्था को 40 साल का सबसे बड़ा झटका लगा। आ गए अच्छे दिन? बन गए विश्वगुरू भारत?? हो गया अखण्ड भारत का निर्माण?”

देश की अर्थव्यवस्था कोरोना आने के पहले से ही चरमरा चुकी थी। अब तो हालात और भी बिगड़ते जा रहे हैं।

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