बिलकिस बानो केस में बीजेपी के दिग्गज नेता और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।उन्होंने कहाकि बिलकिस बानो केस के दोषियों की रिहाई से मेरा सिर शर्म से झुक गया है।

शांता कुमार का ये बयान तब आया है जब इस मामले पर केंद्र सरकार और बीजेपी ने चुप्पी साध रखी है। यहां तक की महिला सम्मान की बात पर संसद में चीखने वालीं महिला केंद्रीय मंत्रियों को भी इस मामले में सांप सूघ गया है।

गुजरात सरकार को आड़े हाथों लेते हुए शांता कुमार ने कहाकि बिलकिस बानो के दोषियों की रिहाई के बाद मेरा सर शर्म से झुक गया है और जो लोग जेल से रिहा कर दिए गए वे बलात्कार और हत्या मामलों के दोषी हैं।

शांता कुमार ने कहा, “बिलकिस बानो केस के दोषियों की रिहाई के बारे में सुनकर मेरा सिर शर्म से झुक गया है। यह इतिहास के सबसे बर्बर आपराधिक कांडों में से एक था। कोई सरकार दोषियों को इतनी छूट कैसे दे सकती है?

गुजरात सरकार को अपने फैसले को वापस लेना चाहिए और मामले में दोषी ठहराए गए लोगों को फांसी पर लटका देना चाहिए।”

उन्‍होंने यह भी कहा कि वह इन दोषियों को दी गई छूट को “वापस” लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचेंगे।

बाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे शांता कुमार ने ये भी कहाकि “मुझे आश्चर्य है कि इतने जघन्य अपराधों के बावजूद उन्हें फांसी नहीं दी गई।

अब मुझे यह जानकर और भी आश्चर्य हुआ कि गुजरात सरकार ने एक विशेष प्रावधान का उपयोग करके उन्हें मुक्त कर दिया है। यह शर्मनाक है कि आजादी का 75वां साल होने के बावजूद महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं।’

भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर, गुजरात में बिलकिस बानो केस में दोषी 11 कैदियों की गोधरा उप-जेल से रिहा कर दिया गया। ये रिहाई गुजरात में भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने अपनी छूट नीति के तहत की।

इन लोगों को 2002 में गुजरात सांप्रदायिक दंगों के दौरान बिलकिस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के कई सदस्यों की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। रिहाई के बाद बलात्कार और हत्या के दोषियों का हिंदूवादी संगठनों ने सम्मान भी किया था।

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