भारतीय जनता पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कल मोदी सरकार पर देश की अर्थव्यवस्था गर्क करने का आरोप लगाया था।

अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए केंद्र सरकार को घेरा है।

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान अर्थव्यवस्था में से 7.3 प्रतिशत की गिरावट आने के मामले में चिंता जाहिर की है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम यूपीए के कार्यकाल में देश के वित्त मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने केंद्र सरकार को सलाह देते हुए कहा है कि अगर देश की गिर रही अर्थव्यवस्था को बचाना है। तो मोदी सरकार को अपनी गलतियां स्वीकार करनी पड़ेगी।

इसके साथ-साथ विपक्ष और अर्थशास्त्रियों की सलाह पर गौर करना होगा। उन्होंने कहा है कि पिछले चार दशक में वित्त वर्ष 2020-21 अर्थव्यवस्था के हिसाब से सबसे अंधकारमय साल है। कोरोना महामारी के दौरान सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन की वजह से हालात और बिगड़ चुके हैं।

उन्होंने इस मामले में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा है कि बीते वित्त वर्ष के दौरान देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट दर्ज की जाएगी। इसका अंदाजा पहले से ही लगाया जा रहा था और ऐसा ही हुआ है।

दरअसल बीते साल जब कोरोना महामारी की पहली लहर धीमी पड़ी। तो वित्त मंत्री और मुख्य आर्थिक सलाहकार ने अर्थव्यवस्था के द्वारा पटरी पर आने की बात कही थी।

निश्चित तौर पर ही कोरोना महामारी का अर्थव्यवस्था पर व्यापक रूप से असर पड़ा है। लेकिन सरकार की गलत नीतियों के कारण स्थिति और खराब हो चुकी है।

माना जा रहा है कि आने वाले वक्त में अगर ऐसा ही चलता रहा तो अर्थव्यवस्था में और ज्यादा गिरावट आ सकती है।

कांग्रेस नेता चिदंबरम ने कहा कि 2018-19 में जीडीपी 140,03,316 करोड़ थी। 2019-20 में यह 145,69,268 करोड़ रुपये थी और 2020-21 में यह घटकर 135,12,740 करोड़ रुपये हो चुकी है।

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