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पालघर मॉब लिंचिंग मामले को सांप्रदायिक रंग देने वालों को करारा झटका लगा है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने ये साफ़ कर दिया है कि घटना में जो लोग मारे गए और जिन्होंने हमला किया, वह एक ही धर्म के हैं।
देशमुख ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। अब तक इस मामले में 110 लोगों की गिरफ़्तारी हो चुकी है, जिनमें से 9 नाबालिग हैं। जिन्हें जुवेनाइल होम भेजा गया है। इस दौरान देशमुख ने साफ किया कि इस घटना में जो लोग मारे गए और जिन्होंने हमला किया, वह अलग-अलग धर्मों के नहीं थे।
बता दें कि महाराष्ट्र के पालघर में दो साधु और एक ड्राइवर की मॉब लिंचिंग की घटना सामने अाई थी। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर ये आरोप लगाए जा रहे थे कि साधुओं को मुसलमानों ने मारा।
इस घटना को सांप्रदायिक रंग देकर नफ़रत फैलाई जा रही थी। इस घटना को लेकर नफ़रत फैलाने वालों को भी राज्य के गृहमंत्री ने कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसे लोगों पर करीबी नजर रख रही है, जो इस घटना के जरिए समाज में वैमनस्य पैदा करना चाहते हैं।
वहीं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश में जुटे लोगों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि सभी को बता दिया गया है कि ये धर्म से जुड़ा मामला नहीं है, लेकिन जो भी सोशल मीडिया के जरिए आग लगाने और लोगों को भड़काने की कोशिश करेगा उसपर कड़ा एक्शन लिया जाएगा।
इससे पहले, मुख्यमंत्री कार्यालय सीएमओ की ओर से घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया कि पालघर की घटना पर कार्रवाई की गई है। जिन्होंने 2 साधुओं, 1 ड्राइवर और पुलिसकर्मियों पर हमला किया था, पुलिस ने घटना के दिन ही उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस अपराध और शर्मनाक कृत्य के अपराधियों को कठोर दंड दिया जाएगा।