पंजाब कांग्रेस में चल रहे अंदरुनी झगड़े की वजह से कैपटन अमरिंदर सिंह की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इसी से निपटने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू समेत 24 विधायकों को आज दिल्ली बुलवाया गया है।
कांग्रेस हाई कमान की तरफ से गठित तीन सदस्यीय पैनल इन सभी विधायकों के साथ मीटिंग की है। मीटिंग में 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई।
सोनिया गाँधी द्वारा गठित पैनल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, हरीश रावत और जेपी अग्रवाल शामिल हैं।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बताया कि मीटिंग में पंजाब और कांग्रेस को लेकर ‘मंथन’ किया गया। ये किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं थी। उन्होंने ये भी बताया कि मीटिंग कम से कम 3 दिनों तक चलेगी।
The meeting was for 'manthan'. It's not about an individual but Punjab & Congress. Meetings will take at least 3 days. MLAs, MPs & senior leaders will meet during this time and see how to consolidate the position: Punjab Congress chief Sunil Jakhar after meeting with Party panel pic.twitter.com/Zl2RnwDPWV
— ANI (@ANI) May 31, 2021
एक दिन पहले हरीश रावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “एक परिवार के अंदर कुछ सवाल होते हैं, उनमें से एक आध सवाल कानूनी पहलु को लेकर भी है। इसलिए हम सबसे बातचीत करेंगे।”
बीते कुछ दिनों से पंजाब कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू अपनी ही सरकार पर हमलावर हो गए हैं।
उन्होंने अपने लेटेस्ट ट्वीट में लिखा, “मैंने बार बार इस बात पर ज़ोर दिया है कि किसान यूनियनों और पंजाब सरकार को एक साथ आकर सभी कृषि उपज का उत्पादन, भंडारण और व्यापार को किसानों के हाथ में देना चाहिए। किसान एकता को सामाजिक आंदोलन से आर्थिक शक्ति में बदला जा सकता है !!”
I have repeatedly emphasised that Punjab Govt & Farmer Unions can come together to give production, storage & trade of all agricultural produce in the hands of the farmers … Farmers unity can be transformed from being a Social Movement to an unparalleled Economic Force !! pic.twitter.com/k9pPoYoTIJ
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) May 30, 2021
कांग्रेस पार्टी की सरकार वैसे ही चुनिंदा राज्यों में है। ऊपर से पंजाब जैसे राज्य में सरकार को ख़तरा केवल कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए नहीं, बल्कि पूरी पार्टी के लिए चिंताजनक स्थिति है। कुछ विधायकों की मांग है कि राज्य में एक दलित मुख्यमंत्री होना चाहिए।