पंजाब कांग्रेस में चल रहे अंदरुनी झगड़े की वजह से कैपटन अमरिंदर सिंह की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इसी से निपटने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू समेत 24 विधायकों को आज दिल्ली बुलवाया गया है।

कांग्रेस हाई कमान की तरफ से गठित तीन सदस्यीय पैनल इन सभी विधायकों के साथ मीटिंग की है। मीटिंग में 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई।

सोनिया गाँधी द्वारा गठित पैनल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, हरीश रावत और जेपी अग्रवाल शामिल हैं।

पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बताया कि मीटिंग में पंजाब और कांग्रेस को लेकर ‘मंथन’ किया गया। ये किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं थी। उन्होंने ये भी बताया कि मीटिंग कम से कम 3 दिनों तक चलेगी।

एक दिन पहले हरीश रावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “एक परिवार के अंदर कुछ सवाल होते हैं, उनमें से एक आध सवाल कानूनी पहलु को लेकर भी है। इसलिए हम सबसे बातचीत करेंगे।”

बीते कुछ दिनों से पंजाब कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू अपनी ही सरकार पर हमलावर हो गए हैं।

उन्होंने अपने लेटेस्ट ट्वीट में लिखा, “मैंने बार बार इस बात पर ज़ोर दिया है कि किसान यूनियनों और पंजाब सरकार को एक साथ आकर सभी कृषि उपज का उत्पादन, भंडारण और व्यापार को किसानों के हाथ में देना चाहिए। किसान एकता को सामाजिक आंदोलन से आर्थिक शक्ति में बदला जा सकता है !!”

कांग्रेस पार्टी की सरकार वैसे ही चुनिंदा राज्यों में है। ऊपर से पंजाब जैसे राज्य में सरकार को ख़तरा केवल कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए नहीं, बल्कि पूरी पार्टी के लिए चिंताजनक स्थिति है। कुछ विधायकों की मांग है कि राज्य में एक दलित मुख्यमंत्री होना चाहिए।

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