केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के 07 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर देश भर में भाजपा सेवा के साथ संगठन नामक कार्यक्रम कर रही है।

इसी क्रम में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सह बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने मध्यप्रदेश के इंदौर की एक तस्वीर ट्वीट कि है जिसमें 7 लोग मिलकर 1 गरीब महिला को राशन देते हुए दिखाई दे रहे हैं।

विजयवर्गीय ने इस ट्वीट के साथ ही लिखा है कि “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार के 07 साल पूरे होने पर भाजपा द्वारा गरीबों को राशन वितरण किया गया।”

भाजपा नेता द्वारा ट्वीट की हुई इस पोस्ट को देखते ही आपकी हंसी छूट जाएगी और स्पष्ट तौर पर लगेगा कि सेवा के नाम पर नौटंकी और फोटोग्राफी का खेल हो रहा है।

एक गरीब महिला को सात भाजपाई नेता मिलकर राशन की थैली दे रहे हैं और फोटो खिंचवा रहे हैं। यह फोटो सेवा का कम दिखावा ज्यादा लग रहा है।

इस तस्वीर ने जहां विपक्ष को भाजपा की टांग खींचने का का मौका दे दिया है तो वहीं सोशल मीडिया पर भी भाजपाईयों की इस तस्वीर का खूब मजाक उड़ाया जा रहा है।

एडवोकेट पूजा मिश्रा ने इस तस्वीर पर लिखा है कि 1 किलो आलू के साथ 07 कृपालु….. हद है।

वहीं पोनी जाट हरियाणा नामक एक यूजर ने लिखा है कि अब तक राशन बांटने वाला एक होता है और लेने वालों की भीड़ होती है। यहां बांटने वालों की भीड़ है और लेने वाली एक है, मतलब अव्व्ल दर्जे की नौटंकी यहीं हो सकती है।

यह पहली बार नहीं है कि भाजपा नेताओं की इस प्रकार की तस्वीरें वायरल हुई हैं बल्कि इसके पहले भी गले में भाजपा का पट्टा लटकाए दर्जन भर नेताओं द्वारा अस्पताल में एक मरीज को एक केला देते हुए तस्वीरें सामने आईं थी। क्या सेवा के नाम पर इस प्रकार का भौंडा प्रदर्शन जायज है ?

वहीं इस प्रकार की तस्वीरें जहां एक साथ सात नेता खड़े होकर कोरोना काल में फोटो शूट करा रहे हैं, क्या ये कोरोना गाइडलाइंस का उल्लंघन नहीं है।

लगता है कि भाजपा के नेता कानून से बड़े हैं। इन पर कोई कार्रवाई नहीं होता।

एक गरीब सब्जी बेचने वाले को लाॅकडाउन के उल्लंघन के आरोप में पुलिस थाने में पीट पीटकर मार दिया जाता है और जब ये नेता तमाशा करते हैं तो इन्हें बोलने वाला कोई नहीं होता!

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