भाजपा शासित मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें सड़क पर जोरदार बारिश हुई है. पूरी सड़क भीगी हुई है. इसी सड़क पर एक युवती को तीन-चार महिला पुलिसकर्मी खींचते हुए ले जा रही है.

बताया जा रहा है कि ये लड़की रोजगार मांग रही थी और पुलिस उसे खींचती हुई नजर आ रही है.

एमपी कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा है कि मध्यप्रदेश अब तालिबान में तब्दील हो चुका है.

कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सीएम शिवराज सिंह चौहान की आलोचना करते हुए कहा कि “यह शवराज का तालिबानी शासन है. भोपाल में बेटियों को पुलिस पीट रही है. ये तो वैसा ही है जैसा कुछ काबुल में तालिबान कर रहा है.”

वहीं यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए अपनी राय व्यक्त की है और कहा है कि रात के अंधेरे में नौकरी मांग रही बेरोजगार बेटियों को मध्यप्रदेश में गिरफ्तार किया जा रहा है,

श्रीनिवास ने इस मामले पर पीएम मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि क्या सड़कों पर बेटियों को बेज्जत कर बेटियों को पढ़ायेंगे और मेडल जिताएंगे मोदी?

 

यह विडंबना नहीं तो और क्या है कि रोजगार मांगने पर बेरोजगारों पर अत्याचार हो रहा है. युवा पीढ़ी को रोजगार उपलब्ध कराना सीधे सीधे सरकार की जिम्मेदारी एवं जवाबदेही है लेकिन देश का कोई ऐसा हिस्सा नहीं, जहां से रोजगार मांगने पर लाठीचार्ज की खबरें नहीं आती हो.

भारत में इन दिनों बेरोजगारी दर पिछले 45-50 सालों में सर्वाधिक है. बेरोजगारी ने भारत के युवाओं को परेशान कर दिया है. देश का कोई ऐसा प्रदेश नहीं, जहां से हताश निराश युवाओं की आत्महत्या की खबरें नहीं आती.

सरकारों को इस मुद्दे पर संवेदनशील होना चाहिए, उन्हें रोजगार सृजन के लिए व्यापक पैमाने पर रोडमैप तैयार करना चाहिए न कि उन पर लाठियां-गोलियां चलवानी चाहिए.

सरकारों को यह सोचना होगा कि रोजगार मांगने वाले बेरोजगार युवा-युवती देश के ही नागरिक हैं, दुश्मन देश के नहीं !

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