केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि हम कोरोना से मरने वालों को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने में असमर्थ हैं।
मोदी सरकार ने कहा है कि इस तरह से मुआवजे का भुगतान स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड से किया जाता है। अगर इस तरह से हर कोरोना से मरे हुए व्यक्ति को 4 लाख का मुआवजा देना शुरु कर दिया गया तो राज्यों का पूरा फंड ही खत्म हो जाएगा।
केंद्र सरकार का कहना है कि अगर स्टेट डिजास्टर फंड का सारा पैसा कोरोना से मरने वालों के मुआवजे के तौर पर दे दिया जाएगा तो फिर बाढ़, चक्रवात जैसी विपत्तियों से लड़ना मुश्किल हो जाएगा।
केंद्र सरकार के इस हलफनामे पर विपक्ष की ओर से कड़ी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने कहा है कि “जो सरकार कोरोना के मरीजों को ऑक्सीजन नहीं दे पाई वो कोरोना से मरने वालों को मुआवजा क्या देगी”
जो 'जिंदा लोगों' को 'ऑक्सीजिन' नही दे सके,
वो 'मृत हिंदुस्तानी' को भला 4 लाख कैसे देंगे..— Srinivas B V (@srinivasiyc) June 21, 2021
वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि “जो सरकार कोरोना से मरने वालों के परिजनो को मुआवजा नहीं दे सकती उसे चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाना चाहिए”
केंद्र सरकार ने बताया है कि अभी तक देश भर में कोरोना संक्रमण की वजह से 3,85,000 लोगों की मौतें हो चुकी हैं।यह संख्या और बढ़ भी सकती है। ऐसे में प्रत्येक परिवार को 04-04 लाख रुपये का मुआवजा देना असंभव है।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट में गौरव कुमार बंसल और रीपक कुमार कंसल नामक दो वकीलों की तरफ से एक याचिका दाखिल की गई है।
जिसमें कहा गया है कि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 12 के तहत आपदा में मरने वाले लोगों के लिए सरकारी मुआवजे का नियम है।
याचिकाकर्ता वकीलों का कहना है कि पिछले वर्ष कोरोना की पहली लहर के दौरान केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को यह निर्देश दिया था कि कोरोना से मरने वालों को 04 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए, इस साल केंद्र सरकार ने ऐसा कोई निर्देश ही नहीं दिया।
सरकार की नीति और नीयत पर सवाल खड़े करते हुए याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि अस्पताल से मृतकों को बिना पोस्टमार्टम, बिना डेथ सर्टिफिकेट सीधे श्मशान घाट अंतिम संस्कार के लिए भेज दिया जा रहा है।
इतना ही नहीं कोरोना से मरने वालों के डेथ सर्टिफिकेट पर यह लिखा भी नहीं जा रहा है कि उक्त व्यक्ति की मृत्यु कोरोना संक्रमण की वजह से हुई है।
ऐसे में अगर सरकार मुआवजे की योजना शुरु भी करती है तो कई सारे लोग उसका लाभ नहीं हासिल कर सकेंगे।