राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानि आरएसएस के मुख्यालय की सुरक्षा का ज़िम्मा सीआईएसएफ को सौंपा गया है. मंगलवार को जैसे ही खबर मीडिया में आई विपक्ष और विरोधियों की निशाने पर केंद्र सरकार आ गई.
नागपुर में स्थित आरएसएस मुख्यालय की सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानि सीआईएसएफ संभाल रही है.
1 सितंबर से नागपुर के महल इलाके में हेडगेवार भवन की सुरक्षा सीआईएसएफ के जवानों ने अपने हाथों में ले ली है.
अधिकारियों के मुताबिक, नागपुर में आरएसएस मुख्यालय और दिल्ली के झंडेवालान में केशवकुंज ऑफिस की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ के एक दस्ते को तैनात किया गया है.
सीआईएसएफ का ये दस्ता दिन-रात आरएसएस मुख्यालय की सुरक्षा में मुस्तैदी से तैनात रहेगा. गौरतलब है कि सरसंघचालक मोहन भागवत और आरएसएस मुख्यालय पर अकसर आतंकी हमले का खतरा बना रहता है.
सरकार के इस फ़ैसले को लेकर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ट्वीट करते हुए इस फ़ैसले पर तंज़ किया.
उन्होंने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि “एयरपोर्ट की सुरक्षा निजी सुरक्षा गार्ड करेंगे लेकिन आरएसएस मुख्यालय की सुरक्षा सीआईएसएफ करेगी. वाह मोदी जी वाह.
ऐयरपोर्ट की सुरक्षा निजी सुरक्षा गार्ड करेंगे लेकिन आर॰एस॰एस॰ मुख्यालय की सुरक्षा सी॰आई॰एस॰एफ़॰ करेगी। वाह मोदी जी वाह pic.twitter.com/TEBFQsxaRV
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) September 6, 2022
सवाल ये है कि एक तरफ़ तो आरएसएस मुख्यालय की सुरक्षा सीआईएसएफ को सौंपी जा रही है तो दूसरी तरफ़ देश के तमाम एयरपोर्ट से सीआईएसएफ की जगह निजी कंपनियों के सुरक्षा गार्ड्स तैनात किए जा रहे हैं.
इन दोनों ही मुद्दों को लेकर कांग्रेस तीखे तेवर अपनाए हुए है. सरकार ने तीन हज़ार से ज़्यादा सीआईएसएफ के पदों को खत्म कर दिया है, इनकी जगह एयरपोर्ट्स पर निजी सुरक्षा गार्ड्स तैनात किए जाएंगे.
विपक्षी दलों का कहना है कि ये निजीकरण की दिशा में एक और कदम है, साथ ही ये देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ भी है.