बीते महीने शुरू हुए संसद के मानसून सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच काफी गतिरोध देखने को मिला है। विपक्षी दलों द्वारा संसद और संसद के बाहर मोदी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

देश में बढ़ रही महंगाई बेरोजगारी किसानों के मुद्दे और जगह शत-शत जासूसी मामले में सरकार चर्चा से भागती रही है।

आज संसद का मानसून सत्र समय से पहले ही खत्म कर दिया गया है। इस दौरान विपक्ष द्वारा भारी हंगामा किया गया है। इसके बाद से ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं द्वारा एक दूसरे पर कई आरोप लगाए जा रहे हैं।

खबर के मुताबिक, मॉनसून सत्र खत्म होने के बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई में विपक्षी दलों के कई नेताओं ने सभापति वेंकैया नायडू से मुलाकात की है।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन ने इस मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत की है। जिसमें उन्होंने बताया कि आज हम सभापति वेंकैया नायडू के पास मेमोरेंडम लेकर पहुंचे थे। सदन में मोदी सरकार ने हर 10 मिनट में एक बिल पास किया।

इस दौरान विपक्ष को बोलने का मौका नहीं मिला। विपक्ष को इन कानूनों में कमियां बताने का समय भी नहीं दिया गया।

सदन में हमेशा से विरोध होता आया है। सरकार द्वारा सदन में बाहरी लोग लाए गए वह कौन थे? क्या थे? यह कोई नहीं जानता।

सभापति वेंकैया नायडू के साथ मुलाकात करने के बाद विपक्षी नेताओं ने संसद भवन से विजय चौक तक पैदल मार्च किया है।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने संसद को जानबूझकर नहीं चलने दिया। हम ने सदन में जरूरी मुद्दों पर चर्चा करने की मांग की थी। लेकिन इसे माना ही नहीं गया।

कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र के लिए काला दिन करार दिया है। कांग्रेस का कहना है कि सदन में पहली बार ऐसा हुआ है कि महिला सांसदों के साथ मारपीट की गई। ये बहुत ही शर्मनाक है।

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