केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार ने भारत के इतिहास के साथ छेड़छाड़ करके कई बदलाव किए हैं। इसी बीच खबर सामने आई है कि मोदी सरकार ने खेल क्षेत्र में दिए जाने वाले सबसे बड़े अवॉर्ड राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल दिया है।

इस अवार्ड का नाम अब हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी रह चुके मेजर ध्यानचंद के नाम पर करने का फैसला लिया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संदर्भ में खुद जानकारी देते हुए कहा है कि अब से राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के नाम से जाना जाएगा।

दरअसल 30 अगस्त को मेजर ध्यानचंद का जन्म जन्म दिवस मनाया जाता है। जिन्होंने हॉकी में भारत का नाम रोशन किया था। उनके जन्म दिवस पर देश के खिलाड़ियों को अवार्डस दिए जाते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि मेजर ध्यानचंद ने भारत को सम्मान और गौरव दिलाया है। इसलिए देश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार उन्हीं के नाम पर रखा जाना चाहिए।

मोदी सरकार के इस फैसले पर गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता रह चुके शंकर सिंह वाघेला ने आपत्ति जाहिर की है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि ‘मोदी सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद खेल रतन पुरस्कार कर दिया है। मैं अपील करता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम भी दोबारा सरदार पटेल स्टेडियम किया जाए।’

आपको बता दें कि राजीव गांधी खेल रतन पुरस्कार का नाम बदले जाने पर मोदी सरकार को सोशल मीडिया पर भी ट्रोल किया जा रहा है।

सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा पूछा जा रहा है कि आखिरकार भाजपा ने अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम का नाम किस खिलाड़ी के नाम पर रखा है।

गौरतलब है कि अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम का नाम सरदार पटेल स्टेडियम से बदलकर इसी साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर कर दिया गया है। जिसके बाद विपक्षी दलों द्वारा इसकी काफी आलोचना भी की गई थी।

विपक्षी दलों का कहना था कि किसी प्रधानमंत्री ने अपने ही कार्यकाल में देश के किसी स्टेडियम का नाम खुद के नाम पर पहली बार रखा है।

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