संसद के दोनों सदनों में कल मॉनसून सत्र का समापन समय से पहले ही कर दिया गया। विपक्षी दलों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि मोदी सरकार ने जानबूझकर संसद को चलने नहीं दिया।

मॉनसून सत्र के आखिरी दिन राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच काफी बवाल हुआ है। दरअसल सदन के अंदर सांसदों और मार्शलों के बीच धक्का-मुक्की हुई है।

बताया जाता है कि संसद में चल रहे प्रोटेस्ट को रोके जाने की कोशिश की जा रही थी। इस दौरान कुछ महिला सांसदों के साथ पुरष मार्शलों द्वारा धक्का-मुक्की की गई।

इस मामले में आज तक पर आयोजित की गई एक डिबेट शो में कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस नेता ने बताया कि छत्तीसगढ़ से महिला सांसद को 5 मार्शलों द्वारा सदन के अंदर धक्का देकर गिराया गया।

इसके बाद उनके साथ मारपीट की गई। यहां तक कि उनका हाथ तोड़ दिया गया। उसका वीडियो कहां है?

अभी तक उसका वीडियो जारी क्यों नहीं किया गया है? क्योंकि महिला सांसद छत्तीसगढ़ और ट्राइबल समुदाय से आती हैं।

आपने ऐसा करने की हिम्मत कैसे की? यह विपक्ष पर नहीं बल्कि प्रजातंत्र पर हमला है। कल सभापति ने आंसू बहाए। मैं उनके आंसुओं का सम्मान करती हूं। लेकिन काश ये आंसू किसानों की शहादत पर भी निकलते।

आज मैं यह पूछना चाहती हूं कि क्या सभापति महिलाओं के साथ हुए इस दुर्व्यवहार पर आंसू बहाएंगे? विपक्ष वेल में क्या कर रहा था? ये सवाल वो लोग पूछ रहे हैं जो साल 2014 से पहले वेल में ही रहते थे।

विपक्षी दलों द्वारा वेल में आकर विरोध किया जाता रहा है। आज जनता द्वारा चुने गए सांसदों को कुख्यात अपराधी बताया जा रहा है।

आज मैं यह बात एक नेता के तौर पर नहीं। बल्कि एक महिला के तौर पर कहना चाहती हूं कि अगर जनता द्वारा चुने गए सांसद के साथ इस तरह का बर्ताव हो सकता है तो महिलाएं कैसे सुरक्षित है?

देश की राजधानी में 9 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप होता है और सरकार उसपरकुछ नहीं बोलती। यह बहुत अच्छी तरह से समझ आ रहा है।

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