दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र उमर खालिद को दिल्ली दंगों की साजिश में शामिल होने के आरोप में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस मामले में कल उमर खालिद से दिल्ली पुलिस द्वारा 11 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया है। उमर खालिद की गिरफ्तारी के बाद कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
दरअसल दिल्ली दंगों के दौरान भाजपा नेता कपिल मिश्रा और अनुराग ठाकुर सहित कई अन्य नेताओं ने भड़काऊ भाषण और विवादित बयान दिए थे। जिनके वीडियो भी सोशल मीडिया पर उपलब्ध है।
लेकिन उन पर कार्यवाही नहीं की जा रही। क्यूंकि वह भाजपा से जुड़े हुए हैं। बल्कि संवैधानिक तरीके से अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ने वालों को फंसाया जा रहा है।
दरअसल दिल्ली पुलिस मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ खुलकर विरोध करने वालों को दिल्ली दंगों की आड़ में निशाना बनाया जा रहा है। मोदी सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना करने वाले कई बुद्धिजीवियों को इस मामले में फंसाया जा रहा है।
इनमें माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव, मशहूर अर्थशास्त्री जयति घोष, दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद और फ़िल्मकार राहुल राय के नाम शामिल हैं।
इस मामले में कांग्रेस नेता श्रीवत्स ने भी ट्वीट कर लिखा है कि “उमर खालिद को यूएपीए के तहत बुजदिल और पक्षपाती सरकार द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। जिन्हें गिरफ्तार करना चाहिए था। वह खुलेआम घूम रहे हैं। अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा, कोमल शर्मा पर कोई एफआईआर नहीं हुई, न गिरफ्तारी। जैसा कि मैंने अक्सर कहा है, अपराध कोई मायने नहीं रखता। नाम करता है।”
गौरतलब है कि शाहीन बाग में प्रदर्शन के दौरान भाजपा नेताओं अनुराग ठाकुर और कपिल मिश्रा भड़काऊ भाषण के बाद दंगे भड़के थे।
Umar Khalid has been arrested under UAPA by this cowardly & biased govt.
Those who were caught on tape are roaming free
– Anurag Thakur: No Arrest, No FIR
– Kapil Mishra: No Arrest, No FIR
– Komal Sharma: No Arrest, No FIRAs I have often said, Crime doesn't matter. Name does.
— Srivatsa (@srivatsayb) September 13, 2020